देहरादून।शिक्षा के उद्देश्यों और उद्योगो की आवश्यकता के मध्य अंतर को समाप्त करने के लिए छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान से सशक्त बनाने के उद्देश्य से, दून विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान विभाग ने 16 नवंबर, 2024 को एक दिवसीय कार्यशाला “लिनक्स पर उद्योग व्यावहारिक कार्यशाला और आईटी में भविष्य के कैरियर के पहलू” का आयोजन किया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य छात्रों को लिनक्स के व्यावहारिक उपयोग और आईटी क्षेत्र में उपलब्ध करियर के अवसरों की जानकारी देना था।
कार्यक्रम का उद्घाटन कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने किया। उन्होंने शिक्षा को उद्योग की जरूरतों के अनुरूप बनाने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। प्रो. डंगवाल ने ओरेकल अकादमी और इंफोसिस स्प्रिंगबोर्ड जैसे प्रमुख संगठनों के साथ विश्वविद्यालय की साझेदारी पर प्रकाश डाला। इन साझेदारियों के माध्यम से छात्रों को इंटर्नशिप, नौकरियों और वैश्विक प्रमाणन कार्यक्रमों तक पहुंच प्राप्त होती है, जो उनके कौशल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता और रोजगार योग्यता प्रदान करता है।
कुलपति ने कहा कि कंप्यूटर विज्ञान संकायों ने हाल ही में 12-14 नवंबर, 2024 के बीच इंफोसिस चंडीगढ़ में तीन दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम में भाग लिया। यह पहल विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षकों और छात्रों को उद्योग की नवीनतम प्रवृत्तियों से जोड़ने के निरंतर प्रयासों का हिस्सा है।
कार्यशाला का नेतृत्व रेडहैट के विशेषज्ञ श्री अभिषेक गुप्ता ने किया। उन्होंने लिनक्स की मूलभूत अवधारणाओं के साथ-साथ ओपन-सोर्स सिस्टम, वर्चुअलाइजेशन (वीएमवेयर और वर्चुअलबॉक्स का उपयोग), सिस्टम संसाधन प्रबंधन, और पैकेज प्रबंधन टूल पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने छात्रों को रेड हैट सर्टिफाइड सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर (RHCSA) प्रमाणन की तैयारी के लिए मार्गदर्शन और प्रेरणा प्रदान की। यह प्रमाणन दुनिया भर में महत्वाकांक्षी सिस्टम प्रशासकों के लिए एक मान्यता प्राप्त योग्यता है।
कंप्यूटर विज्ञान विभाग के डीन डॉ. नरेंद्र रावल ने आधुनिक तकनीकी परिदृश्य में तेजी से बढ़ते उद्योग के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए तकनीकी कौशल विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी कार्यशालाएं छात्रों को प्रतिस्पर्धात्मक माहौल में एक मजबूत आधार प्रदान करती हैं।
कार्यक्रम की संयोजक डॉ. प्रीति मिश्रा ने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को उन्नत तकनीकी ज्ञान और प्रमाणन प्रदान करना है, जिससे वे प्रतिस्पर्धी बाजार में करियर के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सकें। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि विश्वविद्यालय का अगला कदम अपने पाठ्यक्रम को उद्योग की मांगों के अनुरूप संरेखित करना है।
दून विश्वविद्यालय द्वारा इस प्रकार की पहल और कौशल-आधारित कार्यक्रम छात्रों को उद्योग-प्रासंगिक कौशल और अनुभव प्रदान करने के लिए संस्थान के समर्पण को दर्शाते हैं। ये प्रयास छात्रों के लिए न केवल करियर के अधिक अवसर खोलते हैं बल्कि उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार भी करते हैं।
इस कार्यक्रम के दौरान डॉ कामिनी डॉ रूपा, डॉ अनुज आदि अन्य फैकल्टी भी उपस्थित रहे।