देहरादून। देहरादून में आयोजित 10वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस (डब्ल्यूएसी 2024) और आरोग्य एक्सपो में आयुर्वेदिक दवाओं व स्वास्थ्य उत्पादों के लिए ₹ 1,275 करोड़ (150 मिलियन डॉलर) के व्यापारिक सौदे हुए। यह सम्मेलन 12 से 15 दिसंबर तक चला, जिसमें 30 देशों के 142 खरीदारों ने आयुष निर्यात संवर्धन परिषद (आयुषेक्सिल) के माध्यम से 3200 से अधिक बी2बी बैठकों में भाग लिया।
विश्व आयुर्वेद फाउंडेशन (WAF) द्वारा आयुष मंत्रालय और उत्तराखंड सरकार के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में 10321 प्रतिनिधि शामिल हुए, जिनमें 58 देशों के 352 अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि भी थे। मुख्य विषय “डिजिटल स्वास्थ्य, एन आयुर्वेद पर्सपेक्टिव” पर आधारित इस सम्मेलन ने आयुर्वेद को वैश्विक स्वास्थ्य विकल्प के रूप में बढ़ावा देने पर जोर दिया।
चार दिवसीय आयोजन में 172 सत्रों के माध्यम से आयुर्वेदिक उत्पादों, सेवाओं और अनुसंधान को प्रस्तुत किया गया। आरोग्य एक्सपो में प्रमुख आयुर्वेदिक संस्थानों के उत्पादों की प्रदर्शनी में डेढ़ लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया। वहीं, 4000 से अधिक लोगों ने आयुष क्लिनिक में निशुल्क नैदानिक परामर्श लिया।
अन्य मुख्य आकर्षणों में औद्योगिक सम्मेलन, पारंपरिक चिकित्सकों की बैठक, अंतरराष्ट्रीय औषधीय पौधों की संगोष्ठी, पशु चिकित्सा आयुर्वेद सम्मेलन और आयुर्वेद फिल्म महोत्सव शामिल रहे। कार्यक्रम के दौरान यूरोप आयुर्वेद अकादमी एसोसिएशन को अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्रदान की गई, जो आयुर्वेद के वैश्विक विस्तार में महत्वपूर्ण पहल है।
सम्मेलन में विज्ञान और तकनीक के विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य और पर्यावरणीय चुनौतियों के समाधान में आयुर्वेद की भूमिका पर विचार-विमर्श किया।