देहरादून।जिलाधिकारी सविन बंसल ने ऋषिपर्णा सभागार में राजस्व और संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर सरकारी संपत्तियों को अतिक्रमण मुक्त करने और लैंड बैंक तैयार करने की प्रक्रिया पर चर्चा की।
बैठक में जिलाधिकारी ने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के मामलों को पीपी एक्ट में डालने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने स्पष्ट किया कि पीपी एक्ट सरकारी भूमि पर नहीं, बल्कि भवनों पर लागू होता है। उन्होंने कहा, “पीपी एक्ट का हवाला देकर अपनी जिम्मेदारियों से विभाग विमुख नहीं हो सकते।”
सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे अपने स्तर पर प्रचलित पीपी एक्ट के मामलों का 21 दिनों के भीतर निस्तारण करें। जिलाधिकारी ने सख्ती से कहा कि अगली बैठक में कोई भी पीपी एक्ट का प्रकरण नहीं दिखना चाहिए।
जिलाधिकारी ने सभी विभागों को 15 जनवरी 2025 तक चिन्हित अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को नोटिस जारी कर भूमि खाली कराने और कार्रवाई की जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करने को कहा।
बैठक में अनुपस्थित रहने पर एनएच विभाग के अधिशासी अभियंता और हरबर्टपुर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी का वेतन रोकने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि सरकारी भूमि का संरक्षण प्रशासन की प्राथमिकता है, और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सभी विभागों को निर्देश दिया गया कि वे अपनी संपत्तियों का सही और अद्यतन डेटा तैयार कर लैंड बैंक बनाएं। जिलाधिकारी ने कहा कि यह प्रक्रिया सरकारी संपत्तियों के प्रभावी उपयोग को सुनिश्चित करेगी।
जिलाधिकारी ने सभी विभागों से समन्वय स्थापित कर अतिक्रमण हटाने और भूमि विवादों के समाधान के लिए समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि कब्जाधारियों को नोटिस देकर तय समयसीमा में भूमि खाली कराई जाए।
सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। समयबद्ध योजना और कड़े निर्देशों के साथ, यह प्रक्रिया सरकारी संपत्तियों के संरक्षण और उपयोग को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी नीरज कुमार, अपर जिलाधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह, अपर नगर आयुक्त नगर निगम देहरादून बीर सिंह बुदियाल, उप जिलाधिकारी कालसी गौरी प्रभात, नगर आयुक्त ऋषिकेश शैलेन्द्र सिंह नेगी सदर हरिगिरी, मुख्यालय शालिनी नेगी, चकराता योगेश मेहर, विकासनगर विनोद कुमार, डोईवाला अपर्णा ढौंडियाल, ऋषिकेश स्मृता परमार, न्याय कुमकुम जोशी, सहित सम्बधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।