अल्मोडा।उत्तराखंड के नैनीताल जिले के कोटाबाग की मूल निवासी 36 वर्षीय प्रियंका तिवारी ने अपने सुरीले गीतों के माध्यम से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पहचान बनाई है। वर्तमान में इंदिरापुरम, गाजियाबाद में रहने वाली प्रियंका एमबीए पास हैं और एक प्राइवेट स्कूल में अध्यापिका के रूप में काम करती हैं।
सरकारी नौकरी के लिए लंबे संघर्ष के बाद, उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी प्रतिभा का उपयोग कर उत्तराखंड के लोकगीतों, देशभक्ति गीतों, और धार्मिक गीतों को गाकर लोगों का दिल जीत लिया। उनके गाने न केवल सोशल मीडिया पर लोकप्रिय हो रहे हैं, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को भी आगे बढ़ा रहे हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता प्रताप सिंह नेगी ने प्रियंका की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने अपने प्रयासों से उत्तराखंड की महिला शक्ति और संस्कृति का नाम रोशन किया है। उनके अनुसार, प्रियंका का उदाहरण अन्य शिक्षित महिलाओं के लिए प्रेरणा है, जो नौकरी के अभाव में अपने सपनों को पीछे छोड़ देती हैं।
अपने सरल स्वभाव और धार्मिक प्रवृत्ति के लिए जानी जाने वाली प्रियंका तिवारी न केवल एक कुशल अध्यापिका हैं, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को विश्व मंच पर स्थापित करने का भी प्रयास कर रही हैं।