देहरादून ।दून विश्वविद्यालय और आईआईटी रुड़की द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित 12 दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम के चौथे दिन प्रतिभागियों के लिए मात्रात्मक शोध पद्धतियों पर केंद्रित सत्र आयोजित किए गए।
आईसीएसएसआर, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों के शैक्षणिक और व्यावसायिक कौशल को समृद्ध करना था। सुबह के सत्र का नेतृत्व ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय, देहरादून के डॉ. बृजेश ध्यानी ने किया। उन्होंने शोध पद्धति के मूलभूत पहलुओं पर प्रकाश डाला और मात्रात्मक विधियों पर जोर दिया। डॉ. ध्यानी ने प्रतिभागियों को डेटा सेट प्रदान किए और पायथन सॉफ्टवेयर का उपयोग करके डेटा विश्लेषण पर व्यावहारिक सत्र आयोजित किए। उनके प्रायोगिक दृष्टिकोण ने प्रतिभागियों को डेटा संग्रह और विश्लेषण की गहन जानकारी दी।
कोर्स निदेशक डॉ. सुधांशु जोशी ने डॉ. ध्यानी के विचारोत्तेजक सत्र के लिए उनका आभार व्यक्त किया और इसे उभरते शोधकर्ताओं के लिए उपयोगी बताया। दोपहर के सत्र में ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय, देहरादून की प्रो. मनु शर्मा ने प्रतिभागियों को बुनियादी शोध मॉडल से लेकर उन्नत मॉडलिंग तक की यात्रा पर ले जाया। उन्होंने स्मार्ट पीएलएस का उपयोग करने के साथ-साथ पीआईसीओटी उपकरण के माध्यम से प्रभावी शोध प्रश्न तैयार करने पर जोर दिया।
प्रो. शर्मा ने शोध उद्देश्यों को क्षेत्रीय वास्तविकताओं के साथ संरेखित करने और एक मजबूत शोध नींव स्थापित करने के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला। उनके सत्र को सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक अनुप्रयोग के बीच की खाई को पाटने के लिए सराहा गया। डॉ राजेश भट्ट ने प्रो. मनु शर्मा का उनके ज्ञानवर्धक सत्र के लिए धन्यवाद व्यक्त किया। कार्यक्रम के चौथे दिन ने आयोजकों की प्रतिभागियों को समग्र शोध पद्धति कौशल प्रदान करने और सार्थक अकादमिक योगदान को प्रोत्साहित करने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया।
डॉ. सुधांशु जोशी ने सभी प्रतिभागियों और संसाधन व्यक्तियों का उत्साही सहभागिता के लिए आभार व्यक्त करते हुए दिन का समापन किया।