हरिद्वार। गायत्री तीर्थ शांतिकुज में उत्साहपूर्वक आश्विन नवरात्र साधना प्रारंभ हुआ। देश-विदेश के हजारों साधकों को नवरात्र साधना के लिए आनलाइन अनुष्ठान संकल्प कराया गया, तो वहीं साधना के दौरान आवश्यक सावधानियां एवं दिनचर्या पर विस्तृत जानकारी दी गयी। शांतिकुंज में सोशल डिस्टेसिंग के साथ हवन करने के बाद गायत्री साधक अपने-अपने अनुष्ठान में जुट गये।
उल्लेखनीय है वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमणकाल के कारण देश-विदेश के गायत्री साधक अपने-अपने घरों में ही जप-अनुष्ठान में जुटे हैं। शांतिकुंज की एक उच्चस्तरीय टीम साधकों के शंका समाधान हेतु संपर्क में हैं और समय-समय पर साधकों का मार्गदर्शन करती रहेगी।
नवरात्र साधना के प्रथम दिन गायत्री साधकों को दिये अपने वर्चुअल संदेश में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ प्रणव पण्ड्या ने कहा कि नवरात्र साधना से आंतरिक शक्ति का जागरण होता है और अनुष्ठान के साथ श्रेष्ठ साहित्यों का स्वाध्याय से आनंद की प्राप्ति होती है। गायत्री के सिद्ध साधक परम पूज्य गुरुदेव पं० श्रीराम शर्मा आचार्य ने साधकों की दिनचर्या में अनुष्ठान के साथ सत्साहित्यों को अध्ययन को अनिवार्य से जोड़ा है। इससे तन और मन दोनों की सफाई होती है और व्यक्तित्व परिष्कृत होता हुआ चला जाता है। विश्व भर में जितने भी ऋषि-मुनि एवं समाज सुधारक हुए हैं, सबके जीवन में यह देखने को मिलता है। इस अवसर पर श्रद्धेय डॉ पण्ड्या ने श्रीमद्भगवतगीता में आदर्श व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। इससे पूर्व शांतिकुंज के आचार्यों की टीम ने आश्विन नवरात्र हेतु गायत्री साधकों को आनलाइन अनुशासन गोष्ठी में साधनाकाल में किये जाने वाले जप एवं दिनचर्या पर विस्तृत जानकारी दी एवं गायत्री साधना के लिए संकल्पित करवाई।