अल्मोडा। गत साल आपदा की भेंट चढ़ा जैगन नदी पर बना झूला पुल जंग लगे नट बोल्ट और पुल की नींव खराब होने से खस्ताहाल हो गया है। क्षेत्र के लोगों ने शासन प्रशासन से पुल को जल्द से जल्द ठीक करने की मांग की।
पिछले साल सितंबर अक्टूबर में आपदा आने से ये पुल की नींव पूरी तरह ध्वस्त हो गई थी।जैगन नदी के बीच में ये झूले पुल का निर्माण कार्य सन 2010 मे तत्कालीन सरकार व खंड लोक निर्माण विभाग के द्धारा किया गया था।पिछले साल इस पुल के नट बोल्ट में जंग लगने से और भारी बारिश व आपदा से पुल की नींव खराब हो चुकी है।
समिति के अध्यक्ष प्रताप सिंह नेगी , समिति के सहसचिव नंदन राना व समाजिक कार्यकर्ता कुन्दन सिंह बोरा ने इस पुल की बदहाल स्थिति को देखकर खंड लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता व भूतपूर्व विधायक से कई बार गुहार लगाई। भूतपूर्व विधायक ने अपने स्तर से पुल की नींव व पुल के नोटों बोलटो के आपदा काल में धन राशि स्वीकृत की।।
क्षेत्रीय पंचायत मंगल रावत को अक्टूबर में इस पुल को जल्द से जल्द मरम्मत कराने के लिए कुछ धन राशि दी गई । लेकिन बाद में शासन प्रशासन की ओर क्षेत्रीय पंचायत सदस्य मंगल रावत को इस पुल के काम को सुचारू रूप से चलाने केअधिशासी अभियंता ने कोई कार्रवाई नहीं की।
यूं झूला पुल ग्राम सभा नौगांव लिगुडता के लिए नहीं बल्कि ये झूला पुला एक मात पैदल पुल बागेश्वर के सीमांत एरिया के गांव भी इस पुल से लाभांवित होते हैं।चनोली,बैदीबैगड,पारखेत, सैंज,खौल गांव,काफलीगैर आदि दर्जनों गांव।
रीठागाडी दगड़ियों संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रताप सिंह नेगी, सहचीव नन्दन राना, समाजिक कार्यकर्ता कुंदन सिंह बोरा, देवेन्द्र सिंह बोरा,राजू भंडारी, गोबिंद सिंह बोरा,प्रेम सिह बोरा, महेन्द्र सिंह भंडारी, दीवान सिंह भंडारी, क्षेत्रीय पंचायत सदस्य मंगल रावत जगत सिंह बोरा आदि ग्रामीणों ने इस पुल के निमार्ण कार्य को जल्द से जल्द कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर एक महिने के अंतर्गत पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो तो रीठागाडी दगड़ियों समिति व ग्रामीण उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।