देहरादून ।उत्तराखंड विधान सभा में की गई 228 बैकडोर भर्तियों को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा निरस्त किया जाना उचित निर्णय है जिसका उत्तराखण्ड समानता पार्टी स्वागत करती है ।परन्तु जिन लोगों के द्वारा नियम विरुद्ध बैकडोर से विधानसभा में अपने लोगों को नौकरियां बांटी गई उन पर भी कार्यवाही होनी चाहिए।
पार्टी का मानना है कि बैकडोर से नोकरियां दिए जाने के कारण राज्य के प्रतिभावान बेरोजगार युवाओं को राज्य में सरकारी नौकरी से वंचित किया गया है तथा इस प्रकार उनके समानता के अधिकार का हनन हुआ है। पार्टी इस प्रकार के अन्यायपूर्ण कृत्यों की घोर निंदा करती है। पार्टी बैकडोर से की गई भर्तियों को निरस्त किए जाने तथा अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध कार्यवाही करने लिए मांग करती रही है तथा इस संबंध में पार्टी द्वारा महामहिम राज्यपाल तथा विधानसभा अध्यक्ष को ज्ञापन भी सौंपा गया। पार्टी द्वारा 8 सितंबर को बैकडोर से की गई भर्तियों के विरोध में विधानसभा के सामने धरना प्रदर्शन भी किया गया।
इस प्रकरण में विधानसभा के पूर्व अध्यक्षों का नाम आने के चलते उनकी तथा स़ंबंधित नौकरशाहों की जवाबदेही बनती है जिसकी भी जांच अपेक्षित है। पार्टी सभी दोषियों के विरुद्ध उचित कार्यवाही की मांग करती है।