देहरादून।उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में जनपद में स्थित अवैध एवं अनधिकृत धार्मिक संरचनाओं को हटाने व पुनर्स्थापित करने को लेकर जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।
बैठक में जिलाधिकारी ने नगर निगम, पालिका, एमडीडीए, तहसील और अन्य सभी विभागों को निर्देश दिए कि वे अपनी परिसंपत्तियों का दोबारा सर्वेक्षण कर अवैध धार्मिक संरचनाओं का चिन्हीकरण करते हुए तीन दिवस के भीतर रिपोर्ट जिला प्रशासन को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराएं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी विभाग के अंतर्गत ऐसी कोई संरचना नहीं भी है, तो भी शून्य रिपोर्ट देना अनिवार्य होगा, ताकि समस्त विभागों की रिपोर्ट संकलित कर शासन को प्रेषित की जा सके।
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो और इसे उच्च प्राथमिकता से लिया जाए। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि भविष्य में किसी विभागीय परिसंपत्ति पर अवैध धार्मिक निर्माण पाया गया तो उसके लिए संबंधित विभागीय अधिकारी स्वयं जिम्मेदार होंगे। साथ ही जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि चिन्हित अवैध धार्मिक संरचनाओं को हटाने के लिए समय-सीमा निर्धारित कर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि अवैध निर्माणों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी और किसी भी प्रकार की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बैठक के दौरान सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता ने अवगत कराया कि विभाग की परिसंपत्तियों पर स्थित सात अवैध धार्मिक संरचनाओं में से पांच को पहले ही हटा दिया गया है, जबकि बद्रीपुर नहर और कार्गी नहर में स्थित दो संरचनाओं को हटाने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं।
उप जिलाधिकारियों ने बताया कि तहसील स्तर पर सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है और रिपोर्ट शीघ्र ही जिला प्रशासन को भेजी जाएगी। वहीं, वन विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि आरक्षित वन क्षेत्रों से पूर्व में तीन अवैध संरचनाओं को हटाया जा चुका है और वर्तमान में कोई भी नई अवैध संरचना मौजूद नहीं है।
इस बैठक में अपर जिलाधिकारी जय भारत सिंह, एसडीएम हरि गिरी, एसडीएम अपूर्वा, अपर नगर आयुक्त हेमंत कुमार वर्मा, एसई सिंचाई संजय राय, ईई एनएचआईडीसीएल सुरेश तोमर, एसडीएफओ उदय एन गौर, डॉ. शिप्रा शर्मा, अनिल सिंह रावत सहित सभी विभागों के अधिकारी वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहे।

