देहरादून। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने चिकित्सकों की मांगों को लेकर एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि राज्य सरकार चिकित्सकों की समस्याओं को लेकर बेहद गंभीर है। उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में तैनात विशेषज्ञ चिकित्सकों को 50% प्रोत्साहन भत्ता दिया जाएगा, जो उनके काम को सम्मान देने और सेवा को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ की सभी न्यायोचित मांगों पर ध्यान दिया जाएगा और उनका समाधान निकाला जाएगा।
सचिवालय में आयोजित बैठक में प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के पदाधिकारियों ने अपनी नौ सूत्रीय मांगें एक-एक कर स्वास्थ्य सचिव के समक्ष रखीं। इनमें प्रमुख रूप से डीपीसी (डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी) के आदेश, एसडीएसीपी (स्टैगनेंसी-एंड-डिस्पारिटी-करेक्शन प्रोग्राम) के कार्यान्वयन, और पहाड़ी क्षेत्रों में काम कर रहे चिकित्सकों के लिए प्रोत्साहन भत्ते की मांग शामिल थीं।
बैठक में स्वास्थ्य सचिव और संघ के प्रतिनिधियों के बीच सकारात्मक बातचीत हुई, जिसमें शासन ने नौ में से आठ मांगों पर सैद्धांतिक सहमति जताई। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि दो मांगें तुरंत स्वीकार कर ली गई हैं और शेष पर जल्द निर्णय लिया जाएगा। डीपीसी और एसडीएसीपी के आदेश भी जल्द जारी होने की घोषणा की गई, जिससे कई चिकित्सकों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा, अधिसंख्य दंत चिकित्सकों के रिक्त पदों के समायोजन पर भी सहमति बन गई है।
बैठक के बाद स्वास्थ्य सचिव डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि सरकार डॉक्टरों की सभी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर रही है और जल्द ही इन मांगों को लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा, “मांगों का समाधान बातचीत से ही निकलता है और हम डॉक्टरों के हितों का पूरा ध्यान रखेंगे।”
प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के प्रतिनिधियों ने इस बैठक को सकारात्मक बताया और कहा कि यदि डीपीसी और एसडीएसीपी के कार्यादेश जारी कर दिए जाते हैं, तो संघ चार अक्टूबर से प्रस्तावित हड़ताल पर पुनर्विचार करेगा।
प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के अध्यक्ष मनोज वर्मा ने कहा कि संघ शासन के साथ संवाद के माध्यम से अपनी मांगों का समाधान निकालने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने स्वास्थ्य सचिव और अन्य अधिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि शासन ने डॉक्टरों की मांगों को समझते हुए त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है, जिससे चिकित्सकों को बड़ी राहत मिलेगी।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे, जिनमें अपर सचिव स्वास्थ्य अनुराधा पाल, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तारा आर्य, संयुक्त निदेशक डॉ. अजीत मोहन जौहरी और प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के अध्यक्ष मनोज वर्मा, महासचिव डॉ. रमेश कुंवर, उपाध्यक्ष डॉ. मीता श्रीवास्तव सहित अन्य पदाधिकारी भी शामिल थे।
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