देहरादून।उत्तराखंड में उच्च शिक्षा की स्थिति चिंताजनक है। प्रदेश सरकार अशासकीय महाविद्यालयों को बंद करने की साजिश कर रही है, जिससे प्रदेश के प्रमुख संस्थान जैसे डीएवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, डीबीएस महाविद्यालय, और एमकेपी महाविद्यालय संकट में हैं। कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने इस मुद्दे पर प्रदेश सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि सरकार जान-बूझकर ऐसी परिस्थितियाँ बना रही है जिससे इन महाविद्यालयों को बंद किया जा सके।
धस्माना ने कहा कि वर्ष 2019 से नियुक्तियों पर प्रतिबंध के कारण इन महाविद्यालयों में पदों की भारी कमी हो गई है। उदाहरण के तौर पर, डीएवी महाविद्यालय में 186 स्वीकृत पदों में से कई रिक्त हैं, और अन्य महाविद्यालयों में भी स्थिति अलग नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यही स्थिति रही तो आने वाले समय में कई संकाय बंद हो सकते हैं।
उन्होंने बताया कि सरकारी सहायता प्राप्त इन महाविद्यालयों में सस्ती उच्च शिक्षा दी जाती है, जबकि निजी विश्वविद्यालयों में शिक्षा महंगी है।
धस्माना ने आरोप लगाया कि सरकार निजी विश्वविद्यालयों को बढ़ावा दे रही है और उच्च शिक्षा का बाजारीकरण कर रही है। उन्होंने आगामी दिनों में राज्यपाल से मुलाकात करने की योजना बनाई है ताकि सरकार को उचित दिशा-निर्देश दिए जा सकें।
धस्माना ने इस संदर्भ में एक 15-सूत्री आरोप पत्र भी जारी किया है।