देहरादून।दून यूनिवर्सिटी, आईआईटी रुड़की और आईसीएसएसआर, नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित 12 दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम के छठे दिन
प्रतिभागियों को केस स्टडी और साहित्य समीक्षा के महत्व पर गहन जानकारी दी गई।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य शोध और शिक्षण में नई विधियों को शामिल कर प्रतिभागियों की क्षमता को बढ़ाना है। छठे दिन की शुरुआत आईआईएम अमृतसर के डॉ. अरुण कौशिक के सत्र से हुई। उन्होंने केस स्टडी की मूलभूत बातों और उनके सामाजिक विज्ञान में उपयोग पर चर्चा की। उन्होंने कक्षा शिक्षण में केस स्टडी की प्रासंगिकता को समझाते हुए एक इंटरएक्टिव सत्र का संचालन किया। प्रतिभागियों को तीन समूहों में विभाजित कर व्यावहारिक गतिविधियां कराई गईं, जिससे उनके सहयोगात्मक और आलोचनात्मक सोच कौशल को प्रोत्साहन मिला।
डॉ. कौशिक ने समूहों की प्रतिक्रियाओं का मूल्यांकन करते हुए केस-आधारित शिक्षण की गहराई को समझने में मदद की। दोपहर के सत्र में दून यूनिवर्सिटी, देहरादून के पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. सुधांशु जोशी ने साहित्य समीक्षा की बुनियादी बातों और उन्नत तकनीकों पर प्रकाश डाला। उन्होंने विभिन्न प्रकार की साहित्य समीक्षा और स्कोपस, ABDC जैसे डेटाबेस पर साहित्य खोजने की विधियों पर प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया। उनके सत्र ने यह भी स्पष्ट किया कि समीक्षक शोध लेखों का आकलन कैसे करते हैं। प्रतिभागियों ने यह सीखा कि गहन साहित्य समीक्षा को अपने शोध पत्रों में कैसे शामिल किया जाए, जिससे उनके शोध की गुणवत्ता में सुधार हो। कार्यक्रम के छठे दिन ने शोध विधियों और शिक्षण तकनीकों में प्रतिभागियों को नई दृष्टि और व्यावहारिक ज्ञान प्रदान किया।
कार्यक्रम का समापन बेंगलुरु के गवर्नमेंट आरसी कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अनीता द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने ज्ञानवर्धक, विचारोत्तेजक और प्रभावशाली सत्र की प्रशंसा की। यह क्षमता निर्माण कार्यक्रम शोध और शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए एक सशक्त मंच प्रदान कर रहा है, जो प्रतिभागियों को अपने-अपने क्षेत्रों की समकालीन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार कर रहा है ।