
देहरादून।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड सचिवालय संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सचिवालय कर्मियों को जनहित में संवेदनशीलता, निष्ठा और सरलीकरण से कार्य करने का मूलमंत्र दिया। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मियों की कलम से निकले शब्द केवल आदेश नहीं, बल्कि दूर-दराज़ के गांवों में बसे नागरिकों के लिए आशा की किरण बनते हैं।
मुख्यमंत्री ने सचिवालय परिसर में छह मंजिला वैकल्पिक भवन निर्माण कार्यों का शिलान्यास भी किया। उन्होंने सचिवालय को राज्य की शासन व्यवस्था की आत्मा बताते हुए कहा कि यहां लिए गए निर्णय प्रदेश के प्रत्येक वर्ग और क्षेत्र के कल्याण से जुड़े होते हैं।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान हेतु संवाद, सहयोग और विश्वास पर आधारित शासन की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने बताया कि सचिवालय में कार्यरत कार्मिकों के हित में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं, जिनमें फर्नीचर और कंप्यूटर क्रय के लिए 3 करोड़ की स्वीकृति, सचिवालय कैंटीन और भवनों का जीर्णोद्धार, नई पार्किंग की व्यवस्था शामिल है।
स्वास्थ्य और कल्याण के क्षेत्र में ब्लड कलेक्शन सेंटर, क्रैच सेंटर, अत्याधुनिक फिजियोथेरेपी सुविधा, महिला कर्मियों को CCL अवकाश, 25 लाख का कर्मचारी कल्याण कोष तथा कॉर्पोरेट सैलरी पैकेज जैसी योजनाएं लागू की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सचिवालय की कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने हेतु ई-गवर्नेंस को बढ़ावा दिया गया है। डिजिटल सर्विस बुक, फाइल मूवमेंट मैनेजमेंट सिस्टम, पेपरलेस ऑफिस जैसे प्रयासों से कार्य दक्षता बढ़ी है। सेवानिवृत्त कर्मियों को सम्मानित करने की परंपरा, ग्रैच्युटी सीमा बढ़ाने और ACP/समयबद्ध पदोन्नति जैसे लाभों की भी जानकारी दी गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड को देश का “सर्वश्रेष्ठ राज्य” बनाने के अपने ‘विकल्प रहित संकल्प’ को साकार करने के लिए संकल्पबद्ध है।
इस अवसर पर विधायक श्री खजानदास, मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, वरिष्ठ अधिकारी सचिवालय संघ के अध्यक्ष श्री सुनील लखेड़ा, महासचिव राकेश जोशी, उपाध्यक्ष श्री जीतमणि पैन्यूली, संयुक्त सचिव श्री रणजीत सिंह, जगत डसीला, रमेश वर्तमान , लालमणि जोशी , रेनू भट्ट व संचालन श्री जेपी मैखुरी द्वारा किया गया।।