देहरादून।मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के वित्तीय प्रबंधन और राजस्व वृद्धि के लिए अधिकारियों को कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। सचिवालय में आयोजित एक बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सुदृढ़ वित्तीय प्रबंधन राज्य सरकार का मुख्य मंत्र होना चाहिए और इस वर्ष राजस्व में 16.96 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व बढ़ाने के लिए सभी विभागों को नवाचार और नई रणनीतियों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि विभागों को नई योजनाओं और राजस्व स्रोतों की पहचान करने पर काम करना चाहिए ताकि कर संग्रहण में वृद्धि हो सके। राज्य सरकार के विभागों द्वारा इस दिशा में किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए, उन्होंने खनन क्षेत्र में की गई वृद्धि को विशेष रूप से सराहा। खनन क्षेत्र में इस वर्ष की पहली छमाही में 70 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो कुल वार्षिक लक्ष्य का 52 प्रतिशत है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि एस.जी.एस.टी., परिवहन, आबकारी, वानिकी और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भी राजस्व वृद्धि के लिए और प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने मितव्ययिता की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि सुदृढ़ कानून व्यवस्था और नीति हस्तक्षेप से राज्य की आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि हो सकती है, जिससे कर और करेत्तर आय में भी वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा, “मितव्ययिता का मतलब यह नहीं है कि हम कल्याणकारी राज्य की अवधारणा से समझौता करें, बल्कि इसका उद्देश्य संसाधनों का सही उपयोग और अनावश्यक व्यय में कटौती करना है।” मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया कि वे नई नीतियों के प्रभाव का आकलन करें और सुनिश्चित करें कि उनका सकारात्मक असर उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था पर साफ नजर आए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने वित्तीय मितव्ययिता और राजकोषीय संसाधनों का बेहतर उपयोग को लेकर भी विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि नवाचार और तकनीकी उपयोग से सार्वजनिक अधिप्राप्ति में बचत और मितव्ययिता सुनिश्चित की जा सकती है।
राज्य की जी.एस.डी.पी में वृद्धि के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले 20 माह में राज्य की जी.एस.डी.पी में 1.3 गुना वृद्धि हुई है और दो वर्षों में प्रति व्यक्ति आय में 26 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 2021-22 में प्रति व्यक्ति आय 2 लाख 5 हजार रुपये थी, जो 2023-24 में बढ़कर 2 लाख 60 हजार रुपये हो गई है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 2023-24 में राज्य ने पूंजीगत कार्यों में 34 प्रतिशत की वृद्धि की है और पहली बार 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक के पूंजीगत कार्य प्रदेश में किए गए हैं।
बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह निर्देश भी दिए कि राजस्व स्रोतों की डिजिटल निगरानी, ई-गवर्नेंस और ई-वाहन को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित सार्वजनिक कार्यों में तेजी लाई जाए और जिन योजनाओं में केंद्रांश और राज्यांश का अनुपात 90:10 हो, उन्हें अधिक प्राथमिकता दी जाए।
इस बैठक में वित्त मंत्री श्री प्रेमचन्द अग्रवाल, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव न्याय श्री प्रदीप पंत, प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, और अन्य उच्च अधिकारियों ने भाग लिया और राज्य की वित्तीय स्थिति और योजनाओं की समीक्षा की। इस बैठक में नवाचार, टेक्नोलॉजी का उपयोग, पब्लिक ऐसेट मैनेजमेंट, और अनावश्यक व्यय की पहचान जैसे विषयों पर भी चर्चा की गई।
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