देहरादून। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने नाबार्ड के तहत स्वीकृत प्रस्तावों के सापेक्ष विभागों द्वारा लक्ष्य से कम ऋण वितरण पर सख्त नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने सचिवालय में आयोजित उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की बैठक में विभागों को ऋण वितरण और अदायगियों के लक्ष्यों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने विभागों द्वारा नाबार्ड को प्रस्ताव भेजने में हो रही देरी पर चिंता जताई। उन्होंने प्रस्ताव प्रक्रिया को सरल और तेज करने के निर्देश दिए ताकि परियोजनाओं में किसी प्रकार का विलंब न हो। धीमी गति से चल रहे प्रोजेक्ट्स पर तेजी लाने के लिए भी सख्त कदम उठाने को कहा।
बैठक में बताया गया कि ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (आरआईडीएफ) के तहत 2.39 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई सुविधाओं का सृजन और पुनर्निर्माण किया गया है। इसके अलावा, 15,570 किमी ग्रामीण सड़कों का निर्माण और सुधार हुआ है। 27,729 मीटर पुलों का निर्माण पूरा किया गया है।
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में 23.77 लाख ग्रामीण आबादी को पेयजल सुविधाएं प्रदान की गई हैं। इसके साथ ही, 239 स्कूलों और आईटीआई का निर्माण और पुनर्निर्माण किया गया है। इन प्रगति को ध्यान में रखते हुए प्रस्तावों की स्वीकृति और वितरण की गति को और तेज करने की आवश्यकता है।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि सभी विभाग प्रस्तावों की नियमित मॉनिटरिंग करें और वितरण व अदायगियों में आ रही समस्याओं का शीघ्र समाधान करें। उन्होंने यह भी कहा कि नाबार्ड को प्रस्तावों की स्वीकृति प्रक्रिया को और तेज करना होगा।
अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, सचिव श्री नितेश झा, श्री दिलीप जावलकर, श्री पंकज कुमार पाण्डेय और अन्य संबंधित विभागीय अधिकारी बैठक में मौजूद रहे।