विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा के अनुरोध और स्वास्थ्य सचिव के निर्देश पर सीएमओ, देहरादून डॉ. जैन ने उप जिला चिकित्सालय, विकासनगर का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण का उद्देश्य अस्पताल की मौजूदा व्यवस्थाओं, मरीजों और चिकित्सकों की समस्याओं को जानना और सुधार के लिए उचित कदम उठाना था। जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी, जो जीएमवीएन के पूर्व अध्यक्ष भी हैं, और मोर्चा के अन्य सदस्य भी इस निरीक्षण में शामिल हुए।
अस्पताल में गर्भवती महिलाएं और अन्य मरीज तपती धूप में टीन शेड के नीचे घंटों अपनी बारी का इंतजार करते हैं। सुविधाओं के अभाव में मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। मोर्चा ने दो माह पूर्व अस्पताल का निरीक्षण कर पाया था कि यहां सुविधाओं की भारी कमी है। इसके बाद उन्होंने सचिव, स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार से मुलाकात कर इन समस्याओं के समाधान की मांग की थी। मोर्चा की इस पहल पर स्वास्थ्य सचिव ने सीएमओ को मौके पर जाकर पूरी रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे।
निर्देशों के तहत सीएमओ, देहरादून डॉ. जैन ने जन संघर्ष मोर्चा के साथ मिलकर अस्पताल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अस्पताल की अव्यवस्थाओं को परखा और सीएमएस (मुख्य चिकित्सा अधीक्षक) को तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए। सीएमओ ने विभागीय अभियंता को भी अस्पताल भेजकर आवश्यक प्रस्ताव और आगणन (बजट अनुमान) तैयार करने के लिए कहा। इसके साथ ही अस्पताल में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए नए पदों के सृजन की मांग शासन को भेजने का भरोसा दिलाया।
निर्देशों के तहत सीएमओ, देहरादून डॉ. जैन ने जन संघर्ष मोर्चा के साथ मिलकर अस्पताल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अस्पताल की अव्यवस्थाओं को परखा और सीएमएस (मुख्य चिकित्सा अधीक्षक) को तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए। सीएमओ ने विभागीय अभियंता को भी अस्पताल भेजकर आवश्यक प्रस्ताव और आगणन (बजट अनुमान) तैयार करने के लिए कहा। इसके साथ ही अस्पताल में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए नए पदों के सृजन की मांग शासन को भेजने का भरोसा दिलाया।
अस्पताल पर निर्भर हजारों मरीज: नेगी ने बताया कि यह उप जिला चिकित्सालय विकासनगर-हरबर्टपुर क्षेत्र, जौनसार, उत्तरकाशी के कुछ हिस्सों और उत्तराखंड की सीमा से लगे हिमाचल प्रदेश के कुछ गांवों के मरीजों के लिए एकमात्र प्रमुख स्वास्थ्य केंद्र है। यहां रोजाना 500-600 मरीज ओपीडी में आते हैं, जिनमें से कई पुराने मरीज भी होते हैं। ऐसे में मरीजों की भारी भीड़ को संभालना और उनका इलाज करना चिकित्सकों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है।
अल्ट्रासाउंड और प्रसूति सेवाओं में अत्यधिक दबाव: सीएमओ ने निरीक्षण के दौरान पाया कि अस्पताल में अल्ट्रासाउंड सेवाओं का अत्यधिक दबाव है। एक दिन में लगभग 100 से 125 मरीजों का अल्ट्रासाउंड किया जाता है, जो कि सीमित संसाधनों के साथ बहुत कठिन है। इसी तरह प्रसूति रोग विशेषज्ञों के पास भी रोजाना 100 से अधिक गर्भवती महिलाओं को देखना पड़ता है। अन्य चिकित्सकों की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है, जिससे मरीजों की देखभाल में दिक्कतें आ रही हैं।
नेगी ने कहा कि जन संघर्ष मोर्चा की पहली प्राथमिकता अस्पताल में मरीजों को राहत दिलाना है। उनकी मांग है कि अस्पताल को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाए ताकि मरीजों और चिकित्सकों दोनों की समस्याएं हल हो सकें। मोर्चा ने स्वास्थ्य सचिव से अस्पताल में डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा कर्मियों के लिए अतिरिक्त पद सृजित करने और अस्पताल में सुविधाओं को बेहतर बनाने की मांग की है।
इस मौके पर सीएमओ के साथ-साथ सीएमएस डॉ. विजय सिंह, डॉ. प्रदीप चौहान, डॉ. नरेंद्र चौहान, डॉ. केसर सिंह चौहान और अन्य चिकित्सक उपस्थित थे। मोर्चा के महासचिव आकाश पंवार, मोहम्मद असद, प्रवीण शर्मा, पिन्नी सुशील भारद्वाज, संतोष शर्मा आदि भी इस निरीक्षण में शामिल थे।