देहरादून।सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विधानसभा के कार्यालय हॉल में सहकारिता विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक आयोजित की। बैठक का उद्देश्य सहकारी समितियों की जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना और केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के आगामी उत्तराखंड दौरे के लिए तैयारियों का जायजा लेना था। मंत्री ने अधिकारियों से विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
सहकारिता मंत्री डॉ. रावत ने कहा कि केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह का विजन है कि उत्तराखंड की प्रत्येक ग्राम सभा में एक सहकारी समिति हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि उत्तराखंड की सभी 7950 ग्राम सभाओं में सहकारी समितियों का गठन सुनिश्चित किया जाए। वर्तमान में राज्य में लगभग 5,000 सहकारी समितियाँ कार्यरत हैं, और शेष 2,950 नई समितियों के गठन के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए।
इस बैठक का एक प्रमुख उद्देश्य केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह का आगामी उत्तराखंड दौरा सुनिश्चित करना था। डॉ. रावत ने इस दौरे को सफल बनाने के लिए विभिन्न हितधारकों के बीच समन्वय और योजना पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को दौरे के दौरान आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए स्पष्ट निर्देश दिए और कहा कि अमित शाह के दौरे के दौरान किसी भी प्रकार की कमी न हो।
बैठक में कोऑपरेटिव बैंकों के रिक्त पदों की भर्ती को लेकर विशेष चर्चा हुई। सहकारिता मंत्री ने कहा कि उनके प्रयासों से पहले भी दो बार इंस्टिट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनेल सिलेक्शन (आईबीपीएस) के माध्यम से पारदर्शी भर्तियाँ हो चुकी हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बैंकों में तीसरी बार भी सभी रिक्त पदों की भर्ती आईबीपीएस के माध्यम से की जाए। राज्य सहकारी बैंक के एमडी नीरज बेलवाल ने जानकारी दी कि कुल 2,033 पदों में से 1,498 कर्मचारी कार्यरत हैं, जबकि 735 पद रिक्त हैं। मंत्री ने कहा कि यह भर्ती प्रक्रिया बैंकों की कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे बैंकों का संचालन सुचारू रूप से हो सकेगा। साथ ही, यह बैंकिंग क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए एक सुनहरा अवसर होगा।
सहकारिता मंत्री डॉ. रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सहकारी समितियों की जमीन और भवनों की रजिस्ट्री सहकारिता विभाग के नाम कराई जाए। उन्होंने कहा कि कई समितियाँ एमपैक्स के अंतर्गत भूमि पर बनी हुई हैं, जहां भूमि दान की गई है, और उन सभी की रजिस्ट्री शीघ्र कराई जानी चाहिए।
बैठक में सहकारिता विभाग के विभागीय ढांचे के पुनर्गठन पर भी चर्चा की गई। डॉ. रावत ने कहा कि जिला सहायक निबंधक के वर्तमान में 17 पद हैं, जिन्हें बढ़ाकर 25 किया जाएगा। उप निबंधकों के रिक्त 5 पदों को जल्द भरने और एआर की डीपीसी (Departmental Promotion Committee) की बैठक एक महीने के भीतर करने के निर्देश भी दिए गए।
बैठक में कुछ समितियों में एसआईटी जांच की प्रगति के बारे में जानकारी ली गई। इसके अलावा, पर्वतीय क्षेत्रों में साइलेज की खपत को पूरा करने के निर्देश भी दिए गए, जिससे पशुपालन में सुधार हो सके।
मंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि जो कर्मचारी सहकारिता विभाग के अंतर्गत कई दिनों से अनुपस्थित हैं और ऑफिस नहीं आ रहे हैं, उन्हें स्वैच्छिक निवृत्ति दी जाए। इससे विभागीय कामकाज में अनुशासन बना रहेगा और कार्यक्षमता बढ़ेगी।
इस महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार सोनिका, अपर निबंधक ईरा उप्रेती, अपर निबंधक आनंद शुक्ल, राज्य सहकारी बैंक के एमडी नीरज बेलवाल, संयुक्त निबंधक एमपी त्रिपाठी, राज्य सहकारी संघ की एमडी रमिंद्री मंद्रवाल, एआर राजेश चौहान, एआर देहरादून मनराल, एआर हरिद्वार पीएस पोखरिया सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।