देहरादून। उत्तराखंड में हाल ही में हुई साइबर अटैक के संदर्भ में पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, श्री नीलेश आनंद भरणे और पुलिस उप महानिरीक्षक एस.टी.एफ., श्री सेंथिल अब्दई कृष्ण राज. एस ने कोर्ट रोड स्थित सरदार पटेल भवन में मीडिया से प्रेस वार्ता की।
02 अक्टूबर 2024 को सीसीटीएनएस कार्यालय में कार्यरत टेक्निकल टीम द्वारा शिकायतों का निस्तारण किया जा रहा था, तभी अचानक सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट काम करना बंद हो गया। अन्य सिस्टम पर जांच की गई, तो सभी सिस्टम काम नहीं कर रहे थे। आईटीडीए से जानकारी प्राप्त करने पर यह स्पष्ट हुआ कि आईटीडीए के सर्वर पर हैकिंग संबंधी संदेश (नोट पैड) दिखाई दे रहे थे, जिसमें डाटा सुरक्षित करने के लिए भुगतान की मांग की गई थी। इसके बाद साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मामला पंजीकृत किया गया।
इस घटना की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस उप महानिरीक्षक श्री सेंथिल अब्दई कृष्ण राज. एस ने एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री नवनीत सिंह को कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके परिणामस्वरूप, एसटीएफ ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक स्पेशल टीम गठित की, जिसमें पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा, निरीक्षक विकास भारद्वाज, और अन्य अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर विधिक कार्रवाई शुरू की।
एसटीएफ की साइबर थाने की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर ITDA के कर्मचारियों को सहायता प्रदान की और साइबर अपराध के साक्ष्य जुटाने के काम को बारीकी से शुरू किया। पुलिस टीम ने मौके से डिजिटल लॉग्स, वायरस फाइलें और अन्य साक्ष्य सफलतापूर्वक रिकवर किए।
इसके अलावा, इस मामले की जटिलता को देखते हुए केंद्रीय एजेंसियों जैसे I4C गृह मंत्रालय, NIA, CERT-IN, और NCIIPC से समन्वय स्थापित कर उनकी टीम भी मौके पर पहुंची और इस घटनाक्रम में सहयोग किया।
इस त्वरित कार्रवाई से न केवल वायरस के प्रभाव को नियंत्रित किया गया, बल्कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली को सुधारने में भी मदद मिलेगी।