दून विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी के तत्वाधान में भारत रूस संबंधों के नए आयाम को शिक्षा और शोध से संदर्भित विषय पर विस्तार से चर्चा का उद्घाटन करते हुए दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो सुरेखा डंगवाल ने कहा कि इस बैठक से वि वि के शिक्षकों एवं छात्रों को रूस-भारत संबंधों को नये शिरे से समझने का अवसर होगा। उन्होंने कहा कि रूस भारत का पुराना मित्र है और देश की आर्थिक विकास में रूस की सहभागिता सार्थक रही है यह आने वाले दिनों में नई ऊंचाई को प्राप्त करेगा जिसके माध्यम से शिक्षा व शोध के नये आयाम दोनों देशों को उपलब्ध होंगे और इस दिशा में इसी सत्र से प्रयास प्रारंभ किए जाएंगे।
रूस की प्रतिनिधि डॉ लुदीमिला वेसिलोव ने कहा कि भारत के सभी शहर हमको काफी प्रवाहित करते हैं, यहाँ आना हमें काफी उत्साहित करता है। उन्होंने कहा कि भारत-रूस व्यापारिक रिश्ते काफी पुराने एवं मजबूत हैं और इस सबंध को आगे बढ़ाने की दिशा में काफी काम हो रहा है। विशेषतौर पर कृषि, परिवहन, डिजिटल तकनीकी, उद्योग आदि क्षेत्रों में सहयोग बढ़ रहा है।
सुश्री खाज़ीव नतालिया ने कहा कि हम चाहेंगे कि यहाँ के प्राध्यापक हमारे विधार्थियों को विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दें इससे दोनों देशों के संबंध शिक्षा जगत में मजबूत होंगे।
श्री यूरी काबानोव ने भी भारत और रुस के विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग की वकालत की ताकि दोनों देशों के मध्य शिक्षण अनुभव साझा किये जा सकें।
डॉ अन्ना वेसिलोव ने सतत विकास और आपदा प्रबंधन से जुड़े विषयों पर परस्पर सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए सेंटर फार पब्लिक पॉलिसी के चेयर प्रोफेसर डॉ अविनाश चंद्र जोशी ने सभी अतिथियों का परिचय करते हुए कहा कि रूस और भारत रिश्तों को समझने और आगे बढ़ाने की दिशा में यह चर्चा सार्थक सिद्ध होगी।
धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव डॉ मंगल सिंह मन्द्रवाल ने किया।
चर्चा के दौरान पूर्व सूचना आयुक्त श्री जे पी ममगायी, प्रो एच सी पुरोहित, श्री रजनीश जुयाल, श्री जी बी थपलियाल, डॉ अपूर्व त्रिवेदी, प्रो श्वेता सेठी, पीयूष शर्मा अजय बिष्ट आदि उपस्थित रहे।