देहरादून।जिलाधिकारी सविन बंसल ने ऋषिपर्णा सभागार कलेक्ट्रेट में उप जिलाधिकारियों और तहसीलदारों के साथ महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। बैठक में लैंड फ्रॉड और जलमग्न भूमि पर अवैध कब्जे से जुड़े मामलों की गहन समीक्षा की गई।
जिलाधिकारी ने कहा कि जलमग्न भूमि पर अवैध कब्जे और लैंड फ्रॉड से न केवल पर्यावरणीय नुकसान होता है, बल्कि यह जनता की मेहनत की कमाई का दुरुपयोग है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी। डीएम ने जनता से अपील की कि यदि कोई संदिग्ध गतिविधि दिखाई दे, तो उसकी जानकारी तुरंत प्रशासन को दें।
उन्होंने निर्देश दिए कि जलमग्न भूमि का सटीक सीमांकन कर इन क्षेत्रों की सार्वजनिक सूचना जारी की जाए। साथ ही, जलमग्न भूमि पर किए गए अवैध कब्जों की सूची तैयार कर अतिक्रमणमुक्त करने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
लैंड फ्रॉड के मामलों पर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी मामलों की गंभीरता से जांच की जाए। उन्होंने कहा कि अधीनस्थ अधिकारियों से प्राप्त रिपोर्ट का सम्यक परीक्षण कर उस पर अपनी टिप्पणी दर्ज करते हुए उच्च स्तर पर भेजा जाए। डीएम ने कहा कि अधिकारी केवल फारवर्डिंग की भूमिका न निभाएं।
इसके अलावा, जिलाधिकारी ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए ताकि लोगों को भूमि धोखाधड़ी और जलमग्न भूमि के खतरों के प्रति सचेत किया जा सके। उन्होंने लंबित मामलों में तेजी लाने के लिए राजस्व अदालतों को भी निर्देशित किया।
मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह, अपर नगर आयुक्त बीर सिंह बुदियाल, उप जिलाधिकारी मसूरी अनामिका, कालसी गौरी, सदर हरिगिरि, मुख्यालय शालिनी नेगी, ऋषिकेश स्मृता परमार, विकासनगर विनोद कुमार, डोईवाला अपर्णा ढौंडियाल, चकराता योगेश मेहर सहित सभी तहसीलदार उपस्थित रहे।