देहरादून। आयुक्त गढ़वाल मंडल एवं अध्यक्ष, गढ़वाल मंडल लैण्ड फ्रॉड समन्वय समिति, विनय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में लैण्ड फ्रॉड से संबंधित मामलों पर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में कुल 48 प्रकरणों पर चर्चा की गई, जिसमें से 23 मामलों का निस्तारण संबंधित अधिकारियों की जांच रिपोर्ट और शिकायतकर्ताओं की सुनवाई के आधार पर किया गया।
अध्यक्ष ने अवगत कराया कि राज्य सरकार ने 02 अगस्त 2014 को आदेश जारी कर गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में लैण्ड फ्रॉड समन्वय समिति का गठन किया था। इसका उद्देश्य भूमि की धोखाधड़ी और अवैध खरीद-फरोख्त पर अंकुश लगाना है। समिति प्रथम दृष्टया धोखाधड़ी के मामलों में एफआईआर दर्ज कराने या विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन के लिए प्रकरणों को पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र को संदर्भित करती है।
अध्यक्ष ने निर्देश दिए कि भूमि विवादों में एफआईआर दर्ज करने से पहले प्रकरणों को लैण्ड फ्रॉड समिति को भेजा जाए। समिति से निर्देश प्राप्त होने पर ही आगे की कार्रवाई की जाए। महत्वपूर्ण और तात्कालिक मामलों में, एफआईआर दर्ज करने के बाद दूसरे थाने को जांच सौंपने का सुझाव दिया गया ताकि स्थानीय हितों के टकराव से बचा जा सके और मामलों का निष्पक्ष निस्तारण हो सके।
सरकार चाहती है कि हर पीड़ित को सुना जाए और उनकी शिकायत पर प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित हो। सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे पिछले एक वर्ष में दर्ज सभी भूमि विवाद मामलों की विस्तृत रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर आयुक्त कार्यालय को उपलब्ध कराएं।
बैठक में पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल, अपर आयुक्त (प्रशासन), वन संरक्षक यमुना वृत्त, नगर आयुक्त नगर निगम ऋषिकेश, उप जिलाधिकारी विकासनगर, डोईवाला, ऋषिकेश, चौबट्टाखाल, और मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण के अधिशासी अभियंता सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।