देहरादून।38वें राष्ट्रीय खेलों के शुभंकर समारोह में योग और मलखंभ जैसे दो पारंपरिक खेलों को राष्ट्रीय खेलों का हिस्सा बनाया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आग्रह को भारतीय ओलंपिक संघ ने स्वीकार कर लिया। यह जानकारी रविवार को भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष डॉ. पीटी उषा ने रायपुर, देहरादून में आयोजित शुभंकर समारोह में दी।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान राष्ट्रीय खेलों के शुभंकर ‘मौनाल’, लोगो, जर्सी, एंथम, और टैगलाइन “संकल्प से शिखर तक” को लॉन्च किया। उन्होंने इसे उत्तराखंड के खेल इतिहास का ऐतिहासिक दिन बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों का सुंदर लोगो उत्तराखंड की विविधता को प्रदर्शित करता है। शुभंकर ‘मौनाल’ प्रदेश की विशिष्टता और युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करने का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए 500 करोड़ रुपये की अवस्थापना सुविधाएं तैयार की हैं, जिसमें खेल मैदान, स्टेडियम, स्विमिंग पूल, वाटर स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर, साइक्लिंग ट्रैक और शूटिंग रेंज का निर्माण शामिल है।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि पहाड़ी क्षेत्रों में छोटे खेल स्टेडियम बनाए जा रहे हैं और नई खेल नीति के तहत पदक विजेताओं को सरकारी नौकरियां दी जा रही हैं। खिलाड़ियों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण फिर से लागू किया गया है और पुरस्कार राशि को दोगुना कर दिया गया है।
केंद्रीय खेल राज्यमंत्री रक्षा खडसे ने कहा कि केंद्र सरकार उत्तराखंड को खेलों के विकास में हरसंभव मदद करेगी। उन्होंने बताया कि भारत में ओलंपिक के आयोजन का प्रयास भी जारी है। इस अवसर पर केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया का वीडियो संदेश भी प्रसारित किया गया।
डॉ. पीटी उषा ने उत्तराखंड को राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने मुख्यमंत्री के नेतृत्व की सराहना करते हुए राज्य में खेल विकास को लेकर आशा व्यक्त की।
कार्यक्रम में खेल मंत्री रेखा आर्या, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, विधायक उमेश शर्मा काऊ, राज्य ओलंपिक संघ के अध्यक्ष महेश नेगी और कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन आरजे काव्य ने किया।
उत्तराखंड की रजत जयंती वर्ष में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन राज्य के खेल इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा।