काशीपुर।देवभूमि खबर। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य डा. (सुश्री) स्वराम विद्वान ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार में गठित आयोग एक राजनीतिक पार्टी का प्रवक्ता बनकर रह गया था। दस वर्षों के कार्यकाल में उसने 51 हजार फाइलें व जोनल में भी हजारों फाइलें लंबित डाल रखी थी। उन्होंने बीते दो जून को आयोग ज्वाइन करने के बाद अब तक लम्बित पड़ी उक्त फाइलों में से 25 हजार फाइलों का निपटारा कर दिया है।
डा. (सुश्री) स्वराम विद्वान ने आज यहां पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष राम मेहरोत्रा के कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए एक जबाव में कहा कि किसी भी घटना की जानकारी मिलने पर आयोग मौके पर पहुंचता है तथा उस घटना की मॉनेटरिंग व जांच कर सरकार को भेजता है। इस कार्य में आयोग अब तक कई लोगों को न्याय दिलाकर दोषियों को जेल भी करा चुका है। एक जवाब में उन्होंने कहा कि पूर्व में एससीपी की धनराशि का दुरूपयोग किया जाता था उस पर आयोग ने कड़े निर्देश जारी किये हुए हैं।
जहां गलत हो रहा है उस पर आयोग अपना काम करता है। इसके लिए आयोग की ओर से सभी प्रदेशों के सचिवों को समय समय पर जनजागरूकता अभियान भी चलाये जाने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य महापुरूषों की विचारधारा को आगे बढ़ाकर निर्बल व अनुसूचित जाति के लोगों को न्याय दिलाना है। उन्होंने हिमाचल की दो घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि एक विकलांग युवती के साथ हुए अत्याचार समेत एक हत्याकाण्ड में दोषियों को उन्हीं के द्वारा जेल भेजना संभव हो चुका।
एक जबाव में उन्होंने कहा कि प्रेस व जनसहभागिता के सहयोग से ही आयोग दोषियों को सजा दिलाने में कामयाब रहा है। इस मौके पर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राम मेहरोत्रा, महानगर अध्यक्ष मोहन बिष्ट, चौ. खिलेन्द्र सिंह, मनोज प्रजापति, इंतजार हुसैन आदि भाजपाई मौजूद रहे।