देहरादून। गढ़वाल परिक्षेत्र के प्रवासी नागरिकों और उनके परिवारजनों की समस्याओं के समाधान हेतु पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र राजीव स्वरूप के निर्देश पर प्रवासी हेल्पलाइन सैल का गठन किया गया है। सैल की कार्यप्रणाली और उद्देश्यों को स्पष्ट करने के लिए विस्तृत एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी की गई है।
प्रवासी हेल्पलाइन सैल की प्रभारी निरीक्षक सुश्री नीलम रावत होंगी। उनके साथ एक महिला आरक्षी और दो पुरुष आरक्षी, जिसमें से एक रेंज कंट्रोल रूम से होगा, तैनात रहेंगे। यह सैल 24×7 संचालित रहेगा। दिन के समय महिला आरक्षी और रात में रेंज कंट्रोल रूम का कर्मी संचालन की जिम्मेदारी संभालेगा।
प्रवासी नागरिकों और उनके परिजनों की सहायता के लिए एक समर्पित मोबाइल नंबर 7302110210 जारी किया गया है। इस नंबर पर व्हाट्सएप की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी, ताकि सूचनाओं का आदान-प्रदान और अधिक सुलभ हो सके।
सैल के माध्यम से प्रवासी नागरिकों के परिवारजनों की सुरक्षा, आपात स्थिति में मदद, चिकित्सा जैसी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। प्राप्त सूचनाओं को रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा और संबंधित थाने या पुलिस कार्यालय को सूचना दी जाएगी। इसके बाद कार्यवाही की जानकारी भी रजिस्टर में अंकित की जाएगी।
जनपद स्तर पर सैल की निगरानी के लिए क्षेत्राधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। नोडल अधिकारी प्रवासी सैल से प्राप्त शिकायतों और समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करेंगे। उनकी रिपोर्ट साप्ताहिक रूप से सैल को सौंपी जाएगी।
कुछ शिकायतें अन्य विभागों से संबंधित हो सकती हैं। ऐसी स्थिति में पुलिस द्वारा संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित कर समस्याओं का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।
सैल में प्राप्त शिकायतों और समस्याओं पर की गई कार्यवाही का विवरण साप्ताहिक रूप से प्रभारी अधिकारी द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष रखा जाएगा। इसके अतिरिक्त, मासिक अपराध गोष्ठी में इन शिकायतों के निराकरण की समीक्षा की जाएगी।
सैल का प्रचार-प्रसार थाना और चौकी स्तर पर व्यापक रूप से किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक प्रवासी नागरिक इस सुविधा का लाभ उठा सकें।
यह हेल्पलाइन विशेष रूप से उन प्रवासी नागरिकों के लिए फायदेमंद होगी, जिनके परिजन गांवों में निवास करते हैं और किसी आपात स्थिति में तत्काल मदद की आवश्यकता होती है।
गढ़वाल परिक्षेत्र में पुलिस प्रशासन की यह पहल न केवल प्रवासी नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करेगी, बल्कि उनके परिजनों के प्रति पुलिस की संवेदनशीलता और उत्तरदायित्व को भी दर्शाएगी।