दून विश्वविद्यालय में ‘सुपरहाइड्रोफोबिक सतहें और ऊर्जा नैनोमटेरियल्स’ पर विशेषज्ञ व्याख्यान आयोजित

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देहरादून। दून विश्वविद्यालय के पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन अध्ययनशाला (SENR) द्वारा ‘सुपरहाइड्रोफोबिक सतहें और कुछ ऊर्जा नैनोमटेरियल्स: संश्लेषण और अनुप्रयोग’ विषय पर एक विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया। यह व्याख्यान डॉ. अचलेश डवेरे के नेतृत्व में आयोजित किया गया, जिसमें कनाडा के यूनिवर्सिटी ऑफ क्यूबेक एट शिकूटिमी (UQAC) से डॉ. दिलीप कुमार सरकार मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। डॉ. सरकार एलुमिनियम अनुसंधान केंद्र (CURAL) में कार्यरत हैं।

डॉ. सरकार ने व्याख्यान के दौरान सुपरहाइड्रोफोबिक सतहों और ऊर्जा नैनोमटेरियल्स के संश्लेषण के साथ-साथ उनके औद्योगिक क्षेत्रों में विविध अनुप्रयोगों पर चर्चा की। उन्होंने नैनोस्ट्रक्चर्स के निर्माण में प्लाज्मा प्रक्रिया, नैनोस्पीयर लिथोग्राफी, कॉन्टैक्ट एंगल और एडहेसिव बॉन्डिंग के तंत्र को विस्तार से समझाया। इसके साथ ही उन्होंने सुपरकैपेसिटर्स की क्षमताओं और उनके महत्व पर भी प्रकाश डाला।

डॉ. सरकार के व्याख्यान के दौरान उन्होंने यह भी बताया कि कैसे सुपरहाइड्रोफोबिक सतहें बर्फ, बैक्टीरिया और जंग से बचाने में सहायक हो सकती हैं। सतहों की संरचनात्मक एडहेसिव क्षमता को बढ़ाने के विभिन्न तरीकों पर चर्चा की, जिनमें मेटल एनोडाइजेशन और कोरोना डिस्चार्ज जैसे प्रौद्योगिकीय दृष्टिकोण शामिल थे। इसके साथ ही, उन्होंने कोबाल्ट आधारित नैनोस्ट्रक्चर्ड सुपरकैपेसिटर इलेक्ट्रोड्स के निर्माण की विधि और उनकी उच्च क्षमता के बारे में भी जानकारी दी।

इस कार्यक्रम में विभाग के कई प्रमुख शिक्षकगण जैसे डॉ. अचलेश डवेरे, डॉ. विपिन कुमार सैनी, डॉ. अरुण कुमार, डॉ. हिमानी शर्मा और डॉ. चारु द्विवेदी उपस्थित रहे। इसके अलावा, शोधकर्ता और विद्यार्थी भी बड़ी संख्या में इस व्याख्यान का हिस्सा बने और विषय की गहन जानकारी से लाभान्वित हुए।

यह व्याख्यान न केवल छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए प्रेरणादायक था, बल्कि औद्योगिक अनुप्रयोगों के क्षेत्र में नैनोमटेरियल्स और सुपरहाइड्रोफोबिक सतहों के महत्व को समझने के लिए भी एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ।

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