देहरादून। संस्कार इंटरनेशनल स्कूल, बहीपुर में 1 अक्टूबर 2024 को एक यादगार और भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य साहित्य के माध्यम से समाज में चेतना और सकारात्मक बदलाव लाना था। यह आयोजन देहरादून की अग्रणी सामाजिक और सांस्कृतिक संस्था, सोसाइटी ऑफ 4 जी द्वारा आयोजित किया गया। इस आयोजन का विशेष महत्व था क्योंकि यह कार्यक्रम स्वतंत्रता सेनानी स्व. सतेन्द्र सिंह जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से किया गया था।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल, भगत सिंह कोश्यारी थे। उन्होंने इस साहित्यिक आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के कवि सम्मेलन समाज को एक नई दिशा देने और सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अन्य विशिष्ट अतिथियों में पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी, जो एक वरिष्ठ साहित्यकार हैं, और प्रसिद्ध लोकगायिका और संगीतकार डॉ. माधुरी बड़थ्वाल थीं। इनके अलावा, पद्मश्री डॉ. आर.के. जैन और सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल विजय कुमार आहलुवालिया भी इस आयोजन में अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कवि सम्मेलन में कुल 19 कवियों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया। इस अनूठी काव्य संध्या में कई प्रतिष्ठित और उभरते हुए कवियों ने हिस्सा लिया। वरिष्ठ साहित्यकार पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी ने अपने काव्य पाठ के माध्यम से समाज के वर्तमान हालात पर चिंतनशील कविताएं प्रस्तुत कीं, जो श्रोताओं को आत्ममंथन करने पर मजबूर कर गईं। नीरज नैथानी की रचनाओं में भी सामाजिक समस्याओं की गहरी झलक देखने को मिली, जिन्होंने दर्शकों को काफी प्रभावित किया।
अविनाश मलासी ने अपने हास्य-व्यंग्य से कार्यक्रम में एक नया रंग भर दिया, जहां श्रोतागण उनकी कविताओं पर खूब झूमे। अन्य कवियों में मीरा नवेली, राकेश चंद्र जुगराण, राजकुमार “राज”, पंकज “बिंदास”, और विजय प्रकाश रतूड़ी ने अपनी ओजपूर्ण रचनाओं के माध्यम से श्रोताओं का ध्यान खींचा। मंच का संचालन अविनाश मलासी द्वारा किया गया, जिनकी शैली और कविता पाठ ने पूरे कार्यक्रम को जीवंत बनाए रखा।
सम्मेलन में अधिकांश कवियों की रचनाओं का मुख्य विषय समाज में व्याप्त विभिन्न समस्याओं जैसे भ्रष्टाचार, साम्प्रदायिकता, और नैतिक पतन पर केंद्रित था। कवियों ने अपने शब्दों के माध्यम से समाज को एक आईना दिखाने का प्रयास किया और इन समस्याओं के समाधान पर बल दिया। वरिष्ठ कवयित्री उषा झा “रेनू” ने अपनी कविताओं में महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके संघर्ष को मुख्य विषय बनाया, जबकि युवा कवियों जैसे कि अनुज पुरोहित और आयुष वालिया ने अपनी रचनाओं में युवाओं के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया।
कार्यक्रम के अंत में सभी कवियों और अतिथियों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि माननीय भगत सिंह कोश्यारी ने अपने अभिभाषण में कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि इस तरह के कवि सम्मेलन समाज में जागरूकता फैलाने और सकारात्मक बदलाव लाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने आयोजकों को इस सफल आयोजन के लिए बधाई दी और समाज के सांस्कृतिक उत्थान के लिए ऐसे प्रयासों को निरंतर जारी रखने की अपील की।
इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले अन्य प्रमुख कवियों और साहित्यकारों में नीरज नैथानी, अविनाश मलासी, मीरा नवेली, राकेश चंद्र जुगराण, राजकुमार “राज”, डॉ. राकेश डंगवाल, मास्टर प्रखर पंत, प्रतिभा पाठक, शालीन सिंह, और गीतांजलि दत्ता शामिल थे। इन कवियों की रचनाओं ने न केवल श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया, बल्कि उन्हें सामाजिक मुद्दों पर गहराई से सोचने के लिए प्रेरित भी किया।
इस आयोजन के पीछे 4 जी प्लस सामाजिक संस्था और इसके अध्यक्ष श्री सुभाष भट्ट का बड़ा योगदान रहा, जिन्होंने इस सम्मेलन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। संस्कार इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन श्री शालीन सिंह ने भी आयोजन में अपने पूर्ण सहयोग के साथ हिस्सा लिया। संस्था के सभी सदस्यों और आयोजकों के संयुक्त प्रयासों से यह कार्यक्रम अत्यंत सफल और यादगार बन गया।
यह कवि सम्मेलन साहित्यिक और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक बनकर उभरा और यह दर्शाया कि कवि और साहित्यकार समाज की धड़कनों को समझने और समाज के बेहतर भविष्य के लिए रास्ता दिखाने में कितना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।