पौड़ी। जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बुधवार को जिला कार्यालय सभागार में आयोजित राजस्व विभाग की मासिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिले में लंबित राजस्व और फौजदारी वादों के शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए। बैठक के दौरान उन्होंने विभिन्न तहसीलों में लंबित मामलों पर गहरी नाराजगी व्यक्त की और सभी उप-जिलाधिकारियों को इन वादों का प्राथमिकता के आधार पर त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने कोटद्वार तहसील के 167 में लंबित सभी 31 वादों को पेशकार के माध्यम से जिला कार्यालय में प्रस्तुत करने का आदेश दिया। उन्होंने उप-जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि 1 से 3, 3 से 5 और 5 साल से अधिक लंबित वादों के निस्तारण के लिए केसवार तिथि निर्धारण का रोस्टर तैयार करें। जिलाधिकारी ने चेतावनी दी कि यदि पेशकार स्तर पर सुनवाई की तिथियों के निर्धारण में देरी होती है, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में जिलाधिकारी ने धारा-34 एल.आर. एक्ट के तहत लंबित 490 वादों को दीपावली से पहले निस्तारित करने के निर्देश दिए। उन्होंने विद्युत विभाग को अवैध कनेक्शन और खनन विभाग को अवैध खनन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए। वहीं, आबकारी विभाग द्वारा की गई प्रवर्तन कार्रवाई पर संतोष व्यक्त किया गया।
सितंबर माह में जिले में 463 राजस्व वादों में से 71 वादों का निस्तारण किया गया, जबकि 392 वाद अभी भी लंबित हैं, जिनमें 81 वाद 5 साल से अधिक पुराने हैं। स्टांप वादों में 20 लंबित वादों में से 3 का निस्तारण हुआ है, जबकि 17 अभी भी शेष हैं। धारा-34 एल.आर. एक्ट के तहत 506 वादों में से 16 वादों का निस्तारण किया गया है, जबकि 490 वाद लंबित हैं।
बैठक में अपर जिलाधिकारी ईला गिरी, संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक राजचन्द्र सेठ, नगर आयुक्त कोटद्धार वैभव गुप्ता, उप-जिलाधिकारी नुपूर वर्मा, सोहन सेनी, चतर सिंह चौहान, शालिनी मौर्या, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी जिला कार्यालय कुसुम तडियाल, जिला आबकारी अधिकारी के0पी0 सिंह, सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी एन0के0 ओझा, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी जिला कार्यालय अजीत सिंह रावत सहित तहसीलदार व जिला कार्यालय के पटल प्रभारी उपस्थित थे।