देहरादून।राज्य सरकार ने दून मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी की समस्या को दूर करते हुए विभिन्न संकायों में रिक्त पदों के सापेक्ष 15 फैकल्टी और 2 मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति को मंजूरी दी है। इससे मेडिकल कॉलेज में शैक्षणिक गतिविधियां सुचारू होंगी और बेस टीचिंग चिकित्सालयों में मरीजों को बेहतर उपचार मिल सकेगा।
राज्य सरकार का उद्देश्य राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में गुणवत्तापरक मेडिकल शिक्षा उपलब्ध कराना है, जिसके तहत चिकित्सा शिक्षा विभाग संकाय सदस्यों के पदों को तेजी से भरने का कार्य कर रहा है। इस क्रम में हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में आयोजित वॉक-इन-इंटरव्यू के माध्यम से डेढ़ दर्जन फैकल्टी का चयन किया गया है। इनमें 4 प्रोफेसर, 2 एसोसिएट प्रोफेसर, 9 असिस्टेंट प्रोफेसर, 1 मेडिकल ऑफिसर और 1 लेडी मेडिकल ऑफिसर शामिल हैं।
चयनित संकाय सदस्यों में प्रोफेसर के पद पर डॉ. नेहा बतरा, डॉ. राकेश रावत, डॉ. तनुज भाटिया, डॉ. मनोज बिश्वास, एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर डॉ. दुष्यंत उपाध्याय और डॉ. नीतू कोछड़, असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर डॉ. चेतन शर्मा, डॉ. प्रियंका डोभाल, डॉ. दीपिका, डॉ. आशीष भण्डारी, डॉ. पूजा अंथवाल, डॉ. निशांत बसौया, डॉ. सन्नी दुआ, डॉ. हिमांशी रावत, डॉ. योगेश्वरी कृष्णन और डॉ. देवाशीष रॉय शामिल हैं।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा, “राज्य सरकार का प्राथमिक उद्देश्य सरकारी मेडिकल कॉलेजों में शत-प्रतिशत फैकल्टी की नियुक्ति करना है। इस प्रक्रिया में लगातार प्रगति हो रही है और जल्द ही सभी मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी के पदों को भर लिया जाएगा।”
इससे पहले, अगस्त 2024 में भी सरकार ने दून मेडिकल कॉलेज में विभिन्न विषयों के 20 मेडिकल फैकल्टी की नियुक्ति को मंजूरी दी थी।