रिपोर्ट: प्रताप सिंह नेगी
रुद्रप्रयाग ।जिले के छिनका गांव की 52 वर्षीय लोकगायिका सीमा गुसाई इन दिनों सोशल मीडिया पर अपने लोकगीतों, देवी-देवताओं के जागरों और देशभक्ति गीतों से धूम मचा रही हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद, उन्होंने अपनी प्रतिभा के दम पर पहाड़ी लोकसंस्कृति को संवारने का काम किया है।
सीमा गुसाई न केवल एक लोकप्रिय लोकगायिका हैं, बल्कि योगपीठ में योग शिक्षक के रूप में भी अपनी सेवाएं दे रही हैं। वे पिछले 15 वर्षों से महिला रामलीला मंचन कर रही हैं और विभिन्न देवी-देवताओं के जागरों जैसे बाल भगवान जागर, नंदा देवी जागर, नरसिंह देवता जागर, पांडव जागर को प्रस्तुत कर चुकी हैं।
उनके पति सजन सिंह गुसाई ने गर्व जताते हुए बताया कि उनकी पत्नी की बदौलत उन्हें अयोध्या राम जन्मभूमि में महिला रामलीला मंचन का अवसर मिला। उन्होंने अन्य पर्वतीय महिलाओं को भी उत्तराखंड की संस्कृति और लोककला के संरक्षण के लिए आगे आने का संदेश दिया।
उत्तराखंड की समृद्ध लोकसंस्कृति ही राज्य की असली पहचान है, और सीमा गुसाई जैसी प्रतिभाएं इसे जीवंत बनाए रखने में अहम भूमिका निभा रही हैं।