राज्य कैबिनेट का पशुपालकों के लिए ऐतिहासिक निर्णय: आईटीबीपी को भेड़, बकरी, कुक्कुट और मछली की आपूर्ति करेंगे पशुपालक

Spread the love

देहरादुनी।उत्तराखंड की राज्य कैबिनेट ने पहाड़ी क्षेत्रों के पशुपालकों के लिए एक ऐतिहासिक और आर्थिक रूप से लाभकारी निर्णय लिया है। इस निर्णय के तहत, भेड़, बकरी, कुक्कुट (मुर्गी) और मछलीपालकों को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की बटालियनों को जीवित पशुओं और मछलियों की आपूर्ति करने का अवसर मिलेगा। इस नई योजना से प्रदेश के पशुपालकों की आजीविका को एक नई दिशा और स्थायित्व मिलेगा।

यह योजना मुख्य रूप से सहकारी समितियों के माध्यम से संचालित होगी, जिसमें करीब 80 से अधिक सहकारी समितियां शामिल होंगी। इन समितियों के माध्यम से 11,000 से अधिक पशुपालकों को सीधा लाभ मिलेगा, जिनमें से लगभग 7,000 महिलाएं होंगी। यह कदम न केवल पशुपालकों की आर्थिकी को सशक्त करेगा बल्कि स्वरोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा।

इस योजना का प्रथम चरण उत्तराखंड के सीमावर्ती जिलों—चमोली, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़—से शुरू होगा। इन जिलों में बड़ी संख्या में भेड़, बकरी, कुक्कुट और मछलीपालन का कार्य होता है। इस योजना के अंतर्गत लगभग 10,000 भेड़-बकरी पालक, 800 कुक्कुट पालक, और 500 मछली पालक शामिल होंगे।

सहकारी समितियों के माध्यम से आईटीबीपी को आपूर्ति की इस योजना से सालाना ₹200 करोड़ का व्यापार होने का अनुमान है। यह उत्तराखंड में पशुपालकों और मछलीपालकों के लिए एक बड़ा कदम साबित होगा क्योंकि इससे उन्हें एक स्थिर और बड़ा बाजार मिलेगा। यह योजना राज्य में अब तक का पहला ऐसा प्रयास है जिसमें इतनी बड़ी संख्या में पशुपालकों और मछलीपालकों को एक सुनिश्चित विपणन तंत्र उपलब्ध कराया जा रहा है।

राज्य सरकार ने पशुपालकों की सहायता के लिए 5 करोड़ रुपये का ब्याज रहित रिवाल्विंग फंड भी मंजूर किया है, ताकि भुगतान प्रक्रिया तेज हो सके और पशुपालकों को समय पर (अधिकतम 2 दिनों में) भुगतान किया जा सके। यह आर्थिक सहायता न केवल पशुपालकों के आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि भविष्य में उनके व्यवसाय को विस्तार देने में भी मदद करेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार लगातार पशुपालकों और किसानों की आय में वृद्धि करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई नई योजनाओं पर काम कर रही है। यह निर्णय उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो प्रदेश के पशुपालकों और मछलीपालकों को मजबूत बनाने के साथ ही स्वरोजगार को बढ़ावा देगा।

इस ऐतिहासिक निर्णय से उत्तराखंड के दूरदराज के क्षेत्रों में पशुपालन और मछलीपालन को प्रोत्साहन मिलेगा, साथ ही प्रदेश की आर्थिकी को भी सशक्त किया जा सकेगा।

देवभूमि खबर

Recent Posts

धामी कैबिनेट द्वारा लिए गये महत्वपूर्ण निर्णय

देहरादून।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित  बैठक में कैबिनेट ने कई अहम प्रस्तावों पर…

2 hours ago

राज्य कर्मियों, पेंशन एवं पारिवारिक पेंशनरों को दीपावली से पूर्व वेतन एवं पेंशन भुगतान की स्वीकृति

देहरादून।मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर दीपावली पर्व के दृष्टिगत राज्य कर्मियों, पेंशन…

2 hours ago

उत्तराखंड परिवहन निगम की हड़ताल समाप्त, सेवाएं सामान्य

देहरादून।उत्तराखण्ड परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर दिनांक 22-10-2024 से प्रारम्भ हुई 48…

2 hours ago

उत्तराखंड के राजकीय कार्मिकों को कॉरपोरेट सैलरी पैकेज का लाभ, निःशुल्क इंश्योरेंस कवर भी शामिल

देहरादून।उत्तराखंड सरकार ने राज्य के राजकीय कर्मचारियों को बेहतर वित्तीय सेवाएं और सुरक्षा प्रदान करने…

5 hours ago

राजकीय मेडिकल कॉलेजों में होगा गैप एनालिसिसः डॉ. धन सिंह रावत

देहरादून।सूबे में चिकित्सा शिक्षा के सुदृढ़ीकरण के दृष्टिगत प्रत्येक राजकीय मेडिकल कॉलेज का गैप एनालिसिस…

6 hours ago

उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में सशक्त भू-कानून और मूलनिवास के लिए उठी मांग

अल्मोडा।उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों से सशक्त भू-कानून और मूलनिवास की मांग को लेकर आवाजें उठाई…

6 hours ago

Notice: ob_end_flush(): failed to send buffer of zlib output compression (1) in /home/devbhoom/public_html/wp-includes/functions.php on line 5279

Notice: ob_end_flush(): failed to send buffer of zlib output compression (1) in /home/devbhoom/public_html/wp-includes/functions.php on line 5279