अनाथ, निर्बल एवं ड्रॉपआउट बेटियों के हौसले को मिलेंगे पंख: डीएम ने बेटियों के भविष्य सुधारने वाली महत्वाकांक्षी योजनाओं को दी स्वीकृति

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देहरादून।जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’’ जिला स्तरीय टास्कफोर्स महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कई नई योजनाओं को स्वीकृति दी गई जो बेटियों के बेहतर भविष्य और शिक्षा को प्रोत्साहित करने में मील का पत्थर साबित होंगी।

जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बालिकाओं की शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। इसके लिए 10 से 18 वर्ष की ड्रॉपआउट बालिकाओं का प्रभावी सर्वे कर उन्हें दोबारा शिक्षा से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि बालिकाओं के ड्रॉपआउट के कारणों की पड़ताल कर समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं।

डीएम ने कहा कि जरूरतमंद बालिकाओं को आर्किटेक्ट, कंप्यूटर, मेडिकल साइंस सहित अन्य व्यवसायिक कोर्सों में दाखिला दिलाने के लिए सरकार द्वारा फंडिंग की जाएगी। उन्होंने प्रचार-प्रसार से आगे बढ़कर बेटियों की उच्च शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण पर जोर दिया।

बैठक में डोईवाला, विकासनगर और सहसपुर ब्लॉकों के जनजातीय क्षेत्रों में ड्रॉपआउट बालिकाओं का घर-घर जाकर सर्वे कराने का निर्णय लिया गया। सर्वे में चिन्हित बालिकाओं को पुनः विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जाएगा। साथ ही, उनकी एक वर्ष की स्कूल फीस, ड्रेस, स्टेशनरी, किताबें और स्वच्छता किट प्रदान की जाएगी।

बैठक में अवनी अभियान को स्वीकृति दी गई, जिसका उद्देश्य किशोरी बालिकाओं के पोषण स्तर में सुधार और उनकी वृद्धि की निरंतर निगरानी करना है।

“बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” के तहत शहर में जागरूकता रैलियां निकाली जाएंगी। इसमें राजकीय इंटर कॉलेज और डिग्री कॉलेज की 500 से अधिक बालिकाएं भाग लेंगी। साथ ही नुक्कड़ नाटक और वॉल पेंटिंग जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से बाल विवाह, कन्या भ्रूण हत्या और महिलाओं के अधिकारों को लेकर जागरूकता फैलाई जाएगी।

जिन विद्यालयों में बालिका शिक्षा को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है, उन्हें जिला स्तरीय कार्यक्रमों में सम्मानित किया जाएगा। वॉल पेंटिंग में दक्ष बालिकाओं को भी भविष्य में विशेष कार्यक्रमों में सम्मानित किया जाएगा।

कामकाजी माताओं को ध्यान में रखते हुए डे-केयर क्रैच सुविधाओं की भी व्यवस्था की जाएगी। इसका उद्देश्य बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य और संज्ञानात्मक विकास के लिए सुरक्षित वातावरण प्रदान करना है ताकि महिलाएं अपने रोजगार में अधिक प्रभावी हो सकें।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, अपर नगर आयुक्त बीर सिंह बुदियाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद ढौंडियाल, जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेन्द्र कुमार और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी एवं समिति के सदस्य उपस्थित रहे।


“बेटी पढ़ाओ अभियान का मुख्य उद्देश्य बेटियों को शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाना है। प्रभावी योजनाओं के माध्यम से बेटियों के भविष्य को बेहतर बनाया जाएगा।”

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