देहरादून। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के लिए सेवानिवृत्त आईएएस शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में गठित ‘नियमावली और क्रियान्वयन समिति’ ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को नियमावली का ड्राफ्ट सौंपा। इस मौके पर समिति के सदस्य, जिसमें सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल, अपर पुलिस महानिदेशक अमित सिन्हा और स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा शामिल थे, मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2022 में नई सरकार बनने के बाद राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था, जिसके नेतृत्व में यह प्रक्रिया आगे बढ़ी। 2024 में विधान सभा और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद उत्तराखंड समान नागरिक संहिता अधिनियम 2024 पारित हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नियमावली में चार मुख्य भाग शामिल हैं: विवाह एवं विवाह-विच्छेद, लिव-इन रिलेशनशिप, जन्म और मृत्यु पंजीकरण, और उत्तराधिकार से संबंधित प्रक्रियाएं। इसे लागू करने के लिए एक पोर्टल और मोबाइल एप तैयार किया गया है, ताकि आम जनता को ऑनलाइन सेवाएं मिल सकें। जल्द ही कैबिनेट की बैठक में इसे राज्य में प्रभावी रूप से लागू करने की तिथि तय की जाएगी, और अधिकारियों को इसके लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।
उत्तराखंड, आजादी के बाद देश का पहला राज्य होगा जहां समान नागरिक संहिता लागू होगी।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद श्री विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगोली, श्री विनय शंकर पाण्डेय, विशेष सचिव श्रीमती रिद्धम अग्रवाल, महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।