बद्रीनाथ। आज शुभ मुहूर्त में रात्रि 09:07 बजे भगवान श्री बद्रीनाथ जी के कपाट शीतकाल के लिए वैदिक परंपरा, मंत्रोच्चारण और पारंपरिक विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इस अवसर पर मुख्य पुजारी रावल अमरनाथ नंबूदरी द्वारा भगवान को घृत कम्बल पहनाने और माता लक्ष्मी को मंदिर के गर्भगृह में विराजमान करने की रस्में पूरी की गईं।
कपाट बंद होने के कार्यक्रम में सेना के मधुर बैंड की भक्तिमय धुनों और “जय बद्री विशाल” के घोष के बीच हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे। इस अवसर पर भगवान नारायण की विशेष पूजा-अर्चना की गई।
कल, 18 नवंबर को, भगवान श्री उद्वव जी और कुबेर जी की गद्दी योगध्यान बदरी मंदिर, पांडुकेश्वर प्रस्थान करेगी।
इस वर्ष, 12 मई को कपाट खुलने के बाद चमोली पुलिस ने पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए कड़े प्रबंध किए थे। पुलिस ने यात्रा मार्ग पर सहायता केंद्र स्थापित कर कठिन परिस्थितियों में श्रद्धालुओं को मानवीय दृष्टिकोण से सहायता पहुंचाई।
श्री बद्रीनाथ धाम ने इस साल रिकॉर्ड 14 लाख से अधिक श्रद्धालुओं का स्वागत किया, जिनमें उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, रिलायंस के चेयरमैन श्री मुकेश अंबानी, और अन्य प्रसिद्ध हस्तियां शामिल थीं।