देहरादून। निदेशक, पशुपालन विभाग, उत्तराखण्ड डा० नीरज सिंघल ने दीप प्रज्ज्वलित कर नवनियुक्त पशुचिकित्सा अधिकारियों के तीन दिवसीय प्रारंभिक एवं अभिमुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम उत्तराखण्ड पशुचिकित्सा परिषद, सहस्त्रधारा रोड, देहरादून स्थित प्रशिक्षण केन्द्र में आयोजित किया जा रहा है।
कार्यक्रम के दौरान डा० नीरज सिंघल ने अधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि विभाग की सफलता उनकी निष्ठा और जनहितैषी कार्यों पर निर्भर करती है। उन्होंने अधिकारियों से अपने कार्यों में उत्कृष्टता प्राप्त करने और समाज की भलाई के लिए समर्पित रहने की अपील की।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में डा० बी०एस० जंगपांगी (अपर निदेशक, गोपेश्वर, चमोली) और डा० प्रलयंकर नाथ (रजिस्ट्रार, उत्तराखण्ड पशुचिकित्सा परिषद) ने नवनियुक्त अधिकारियों के साथ अपने अनुभव साझा किए। साथ ही डा० नारायण सिंह नेगी (संयुक्त निदेशक) ने अधिकारियों को उनकी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के संबंध में जानकारी दी। डा० अमित राय (उप निदेशक) ने सेवा नियमों और अवकाश नियमों पर विस्तारपूर्वक व्याख्यान दिया।
कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षणार्थियों को पशुपालन विभाग में उनकी जिम्मेदारियों और सेवा नियमों से अवगत कराते हुए विभागीय कार्यों में कुशलता और जनसेवा पर जोर दिया गया।
इस अवसर पर डा० पूर्णिमा बनौला (अपर मुख्य अधिशासी अधिकारी, यूएसडब्ल्यूडीबी), डा० मनीष (उप निदेशक, यूएसडब्ल्यूडीबी) और डा० दीक्षा रावत (पशुचिकित्सा अधिकारी, यूएसडब्ल्यूडीबी) उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन कोर्स कोऑर्डिनेटर डा० शिखाकृति नेगी (पशुचिकित्सा अधिकारी, यूएसडब्ल्यूडीबी) द्वारा किया गया।