नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज तीन नए आपराधिक कानूनों – भारतीय न्याय संहिता-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम-2023 के उत्तराखंड में क्रियान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने राज्य सरकार के त्वरित क्रियान्वयन और तकनीकी एकीकरण प्रयासों की प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक में बताया कि राज्य में ई-साक्ष्य, ई-कोर्ट, और ई-समन जैसी तकनीकों का सफल एकीकरण किया गया है, जिससे न्याय प्रक्रिया तेज और पारदर्शी हुई है। उन्होंने बताया कि मुकदमों के शीघ्र निस्तारण में 41% मामलों का निपटारा और दोषसिद्धि दर में सुधार, न्याय प्रणाली की प्रभावशीलता का प्रमाण है।
उत्तराखंड ने 23,000 से अधिक पुलिस कर्मियों और अभियोजकों को प्रशिक्षित करने के साथ हिंदी भाषा में एआई-आधारित कोर्स तैयार कर एक नया आयाम स्थापित किया है। जन जागरूकता बढ़ाने के लिए नुक्कड़ नाटक, चौपाल, और सेमिनार जैसे कार्यक्रम आयोजित किए गए।
गृह मंत्री ने राज्य सरकार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाओं में वृद्धि और लागत बचत के आकलन का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने तीन नए कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास में केंद्रीय सहायता का अनुरोध किया, जिसे गृह मंत्री ने स्वीकार कर लिया।
बैठक में भारत सरकार और उत्तराखंड सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, पुलिस महानिदेशक, बीपीआरएनडी, और एनआईसी के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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