श्री अखंड परशुराम अखाड़े में विधिवत मंत्रोचार के साथ पूजा अर्चना कर शस्त्र पूजन किया गया

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हरिद्वार : दशहरा पर्व शुक्रवार को श्री अखंड परशुराम अखाड़े द्वारा शस्त्र पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अखाड़ा स्थल बैरागी कैंप में वेदमंत्रों से भगवान परशुराम जी तथा आदिशक्ति मां अंबे का पूजन कर शस्त्र पूजन कराया गया। अखाड़े के विद्यार्थियों ने पूजा अर्चना के दौरान शस्त्रों पर तिलक कर कलावा बांधा।

संत बाबा हठयोगी जी के साध्यिय में हुए कार्यक्रम में अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने विद्यार्थियों के अभिभावकोंं को भगवान परशुराम का प्रतीक चिन्ह फरसा देकर सम्मानित कियाा। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बाबा हठयोगी ने अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक द्वारा चलाए जा रहे निशुल्क शस्त्र विद्या प्रशिक्षण केंद्र को सराहते हुए उनका फूल माला पहनाकर सम्मान किया। शस्त्र पूजन उपरांत श्री अखंड परशुराम अखाड़ेे ने कश्मीर में आतंकवादियों के द्वारा शहीद हुए देश के नौजवानों को उनकी शहादत पर श्रद्धांजलि भी दी।
शस्त्र पूजन के दौरान अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक में कहा कि श्री अखंड परशुराम अखाड़ा हिंदुत्व की रक्षा के लिए सदैव खड़ा रहेगा। भगवान पुरुषोत्तम श्रीराम और परशुराम ने भी अधर्म का नाश करने के लिए शस्त्र उठाया और धर्म की रक्षा की। राजा, महाराजाओं ने भी धर्म व हिन्दुत्व की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। आज हमें भी अपनी संस्कृति और धर्म को बचाने के लिए शस्त्र उठाने की आवश्यकता है। जिसके लिए शस्त्रों का ज्ञान होना अति आवश्यक है इसी को लेकर श्री अखंड परशुराम अखाड़ा एक मुहिम चलाकर निशुल्क शस्त्र विद्या प्रशिक्षण हिंदुओं की नई पीढ़ी को दे रहा है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बाबा हठयोगी ने अखाड़े के विद्यार्थियों को संबोधित करते बताया कि शस्त्र और शास्त्र से बुद्धि और बल का आपसी समन्वय होता है। व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास के लिए दोनों ही जरूरी हैं। शास्त्र जीवन के लिए व्यवहारिक ज्ञान प्रदान करते है और शस्त्र दुष्टों से रक्षा करते हैं। शास्त्र जीवन जीना सीखाता है और शस्त्र जीवन की रक्षा करना सीखाता है।
भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री जी ने अखाड़े के विद्यार्थियों को बताया कि दशहरा पर्व समाज को धर्म की रक्षा एवं सत्य के मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। इससे समाज में खुशहाली का वातावरण आता है। शास्त्री जी ने आगे कहा कि ब्राह्मण अन्याय के आगे कभी नहीँ झुका है, हम अपने स्वाभिमान से पहले राष्ट्र के स्वाभिमान के लिए जिये हैं। त्याग तपस्या और बलिदान एक ओर हमारी पहचान है तो तो जरूरत पड़ने पर हम शस्त्र उठाने से भी पीछे नहीँ रहे, हम एक हाथ में जब शास्त्र धारण करते हैं तो दूसरे हाथ से शस्त्र संचालन भी करना जानते हैं।
शस्त्र पूजन कार्यक्रम के उपरांत अखाड़े के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए बाबा सीताराम जी ने कहा कि हिदुत्व एवं भारतीय संस्कृति के साथ-साथ शास्त्रों की रक्षा करने के लिए शस्त्रों का उपयोग करना भी जरूरी होता है। इसलिए सभी देवी देवता हमेशा शस्त्रों को धारण किए होते हैं। सभी हिदू वीरों के घरों में भी शस्त्रों का होना अनिवार्य है।

दशहरा पर्व पर श्री अखंड परशुराम अखाड़े द्वारा किए गए शस्त्र पूजन कार्यक्रम में मुख्य रूप से स्वामी रूद्रानंद जी, बाबा सीताराम जी पंडित पवन कृष्ण शास्त्री, पंडित अधीर कौशिक ,विशाल भारद्वाज, दिग्विजय गौड, डॉ अशोक शर्मा, गोपाल शर्मा , अनूप शुक्ला , श्रीमती विनीता शर्मा , श्रीमती पूजा शर्मा, शिवम शर्मा, कुनाल शर्मा अतिथिगण उपस्थित रहे।

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