रूद्रप्रयाग।एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना की जिला क्रियान्वयन एवं समन्वयन समिति की बैठक में जिलाधिकारी ने घराटों से मंडुवा का आटा पिसवा कर इसकी ब्रेंडिंग करवाने, क्लस्टर के आधार पर उत्पादों को बढ़ावा देने और विभागों तथा कार्यक्रमों के बीच बेहतर तालमेल के द्वारा उत्पादन बढ़ाने के साथ ही उनके मूल्यवर्धन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अलग-अलग कार्यों के क्लस्टर बनाकर उनमें संगठित ढंग से कार्य किया जाय और उत्पादन बढ़ाया जाय, तभी उत्पादकों को अधिक लाभ प्राप्त हो सकता है।
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने मंडुवा का मूल्य अपेक्षित रूप से न बढ़ने और उसका अधिक मूल्य किसानों को न मिलने की स्थिति में बदलाव के लिए प्रयास करने की जरूरत बताई। इसके लिए सड़कों के नजदीक स्थित घराटों का उच्चीकरण कर उनमें मंडुवा का आटा तैयार करने और उसकी ब्रैंडिंग कर अधिक मूल्य प्राप्त करने का निर्देश दिया। साथ ही मंडुआ के मूल्य संवर्धन पर भी बल दिया जिससे किसानों को उचित दाम मिल सके। पहाड़ी परम्परागत तथा नकदी फसलों का उत्पादन क्लस्टर आधार पर बढ़ाने, दूध उत्पादन को बढ़ाने, गैरमौसमी सब्जियों के उत्पादन को बढ़ाने और पूर्ण अथवा अर्द्ध प्रसंस्करण द्वारा उनका मूल्यवर्द्धन करने पर भी उन्होंने जोर दिया, ताकि उत्पादन बढ़े और उत्पादकों को बाजार के साथ ही अधिक मूल्य भी प्राप्त हो।
बैठक में बताया गया कि उत्पादन कम होने के कारण उत्पादों को बाहरी क्षेत्रों में भेजने की गुंजाईश नहीं बन पा रही है। दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए अच्छे किस्म की दुधारू गायें लाने, उनकी नस्ल सुधारने, चारा की सुचारू व्यवस्था के साथ ही ढुलान की व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता भी बताई गई। यात्रा मार्गों पर अधिक विक्रय केंद्र स्थापित करने, महिला समूहों को बढ़ावा देने तथा उत्पादों की मात्रा व गुणवत्ता बढ़ाने की आवश्यकता पर भी बल दिया गया।
आजीविका परियोजना की प्रगति की विस्तृत जानकारी के साथ ही अन्य विभागों द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारी भी बैठक में दी गई। विभिन्न उत्पादक समूहों, संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने कार्य करने में आ रही समस्याओं की जानकारी दी और उनके निदान के सुझाव दिए। जिलाधिकारी ने उनके निराकरण के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिए।
इस अवसर पर जिलाधिकारी द्वारा महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण गांरटी योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 की विभागवार मासिक प्रगति माह दिसम्बर के कार्याे की समीक्षा की गई। मनरेगा कार्यो की न्यून प्रगति पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए जिला विकास अधिकारी रमेश कुमार को प्रत्येेक ब्लाॅक में जाकर जारी वास्ट्रोल मनरेगा से कनवर्जेंस कर रहे विभागों को ब्लाॅक के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य करने, फील्ड पर शुरू हो रहे कार्यो की जानकारी सम्बन्धित विभाग को देने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी सरदार सिंह चैहान, पीई मोहन सिंह नेगी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डाॅ. रमेश नितवाल, परियोजना निदेशक मोहम्मद आरिफ खान, के.वी.के. के वैज्ञानिक डाॅ दिनेश चैरासिया, आरसेटी निदेशक दिनेश नेगी सहित प्रगतिशील कृषक व विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।