# विगत कई वर्षों से मोर्चा जगा रहा था राजभवन एवं सरकार को। #मा. उच्च न्यायालय द्वारा आरक्षण पर लगा दी गई थी रोक । #सरकारी वकीलों की फौज भी मॉडिफिकेशन एप्लीकेशन/ एक्ट को बचाने में रही थी नाकामयाब ।
विकासनगर – जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करें कहा कि राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण मामले से संबंधित विधेयक, जोकि लगभग 6 वर्ष से राजभवन में लंबित था, को राजभवन द्वारा पुनर्विचार के लिए लौटा कर राजभवन ने सराहनीय काम किया है| मोर्चा को उम्मीद है कि अब आंदोलनकारियों को न्याय मिलेगा।
नेगी ने कहा कि पूर्व में मा. उच्च न्यायालय द्वारा अपने आदेश दिनांक 26/08/13 व 01/04/14 के द्वारा आरक्षण पर रोक लगा दी गई थी | इसी मामले में 07/03/ 2018 के द्वारा भी आदेश पर रोक लगा दी गई थी। उक्त आदेश वर्ष 2013 व 2014 के खिलाफ वर्ष 2015 में कांग्रेस सरकार के मुखिया श्री हरीश रावत द्वारा आंदोलनकारियों के समर्थन में विधेयक पारित कराकर राजभवन को भेजा गया था, लेकिन कई बार मिन्नतें करने के बावजूद भी विधेयक राजभवन में धूल फांक रहा था | मोर्चा द्वारा कई बार राजभवन के खिलाफ आंदोलन कर विधेयक पास करने अथवा लौटाए जाने का आग्रह किया गया था तथा इस मामले में सरकार से भी पुनः राजभवन से आग्रह करने हेतु पत्र प्रेषित करवाए गए थे, लेकिन राजभवन खामोश रहा।
नेगी ने कहा कि हाल ही में सरकारी वकीलों की फौज मॉडिफिकेशन एप्लीकेशन व एक्ट बचाने में नाकामयाब रही थी, जिस कारण सारी संभावनाएं लगभग समाप्त सी हो गई थी।मोर्चा सरकार से मांग करता है कि तत्काल विधानसभा का विशेष सत्र बुला पुनः विधेयक पास करा कर राजभवन को भेजे ।
पत्रकार वार्ता में- मोर्चा महासचिव एवं राज्य आंदोलनकारी आकाश पंवार, विजय राम शर्मा व भीम सिंह बिष्ट मौजूद थे।