विकासनगर।आसन वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्व के खनन संबंधी प्रतिबंधों के हिमाचल की सीमा में लागू नहीं होने और हिमाचल से खनन सामग्री के दम पर ओवरलोडेड स्थिति में उत्तराखंड में आने के मुद्दे पर ह्यूमन राइट्स एंड आरटीआई एसोसिएशन ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी जिसके बाद हरकत में आए प्रशासन ने रात को खनन से भरे वाहनों पर कार्यवाही की और दर्जनों चालान तथा वाहन सीज करने की कार्यवाही की ।
आज इस मुद्दे पर एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद शर्मा ने कहा कि खनन के वाहनों पर प्रशासन की उक्त कार्यवाही मात्र दिखावा करने से अधिक नहीं है क्योंकि वास्तव में प्रशासन ने खनन सामग्री से भरे हिमाचल प्रदेश से आने वाले डंपर ओं को किस सरकारी कांटे पर तोला जिससे यह पता चल सके की उम्र में कितनी खनन सामग्री है। सरकार के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है उन्होंने कहा कि उक्त मामले में बहुत बड़ा खेल हो रहा है। जिसे चालान का दिखावा करके लीपापोती करके जनता को चुप करने का प्रयास किया जा रहा है ।हिमाचल से आने वाले खनन के कारण जहां एक और उत्तराखंड के लोगों को खनन सामग्री बहुत महंगी मिल रही है ।वहीं उत्तराखंड का श्रमिक पूरी तरह से बेरोजगार बैठा हुआ है साथ ही राजस्व की कमाई हिमाचल सरकार कर रही है और उत्तराखंड सरकार को रोजाना करोड़ों का घाटा हो रहा है जिस तरह चालान की दिखावे की कार्यवाही की गई है। उससे ह्यूमन राइट एंड आरटीआई एसोसिएशन शांत बैठने वाली नहीं है आसन कंजर्वेशन रिजर्व पर जो प्रतिबंध खनन पर है वह 10 किलोमीटर के दायरे में या तो हिमाचल में भी लागू हो या फिर उत्तराखंड की नदी को भी खनन के लिए मुक्त कर दिया जाए जब तक यह सब नहीं होगा एसोसिएशन संघर्ष करेगी और जरूरत पड़ी तो हम सुप्रीम कोर्ट तक भी जायेंगे हिमाचल से आने वाली खनन सामग्री के मामले में प्रशासन से लेकर वन विभाग खनन विभाग से लेकर जितने भी विभाग खनन से जुड़े हैं तब जिम्मेदार हैं और एसोसिएशन इन सब के विरूद्ध संघर्ष करेंगे ।
इस मौके पर एसोसिएशन अध्यक्ष अरविंद शर्मा के साथ एसोसिएशन के महासचिव भास्कर चुग मौजूद रहे।