देहरादून। केंद्र और उत्तराखंड सरकार को अपने आरोपों से घेरने के लिए कांग्रेस अब चुनौती पत्र लेकर आई है। पहले पार्टी ने चार्जशीट तैयार करने की बात की थी, लेकिन अब इसका नाम बदलकर चुनौती पत्र कर दिया गया है।
रविवार को पार्टी के प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह, सह प्रभारी राजेश धर्माणी और चार्जशीट कमेटी के अध्यक्ष नवप्रभात ने इसे जारी किया। बता दें कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार को आरोपों के भंवर में फंसाने के लिए कांग्रेस ने चार्जशीट तैयार करने का निर्णय लिया था, लेकिन यह खुद ही भंवर में फंसकर रह गई। न सिर्फ यह पूरी कसरत डेढ़ महीने विलंब से आई, बल्कि इसके स्वरूप में भी काफी हद तक परिवर्तन कर दिया गया है।
कांग्रेस ने पूर्व काबीना मंत्री नवप्रभात की अध्यक्षता में चार्जशीट कमेटी का गठन किया था। यह तय किया गया था कि चार्जशीट कमेटी अपनी रिपोर्ट प्रदेश नेतृत्व को देगी और इसके बाद राज्यपाल को भाजपा सरकारों के खिलाफ चार्जशीट सौंपी जाएगी। चार्जशीट कमेटी की करीब चार बैठकें हुईं। बाद में तय किया गया कि चार्जशीट कमेटी राज्यपाल को रिपोर्ट नहीं सौंपेगी, बल्कि इसे जनता के लिए सीधे जारी कर दिया जाएगा। पहले यह तय किया गया था कि चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले ही इसे सार्वजनिक कर दिया जाएगा, मगर इसका मामला लगातार लटकता चला गया।
कांग्रेस अब चार्जशीट को चुनौती पत्र के तौर पर पेश किया है। करीब 12 पेज के इस डॉक्यूमेंट को चुनौती पत्र नाम दिया गया है। हम केंद्र और भाजपा सरकारों पर आरोप लगाते हुए उनके सामने जवाब देने की चुनौती रख रहे हैं। इसीलिए इसका नाम बदलकर चुनौती पत्र कर दिया गया है।