उत्तरकाशी । स्वच्छ भारत मिशन के अंर्तगत जिले के समस्त ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पांच सितंबर से 2 अक्टूबर तक सघन स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। साथ ही घरों से निकलने वाला सूखा एवं गिला कूड़ा पृथकीकरण एवं कांच,लोहा,प्लास्टिक कूड़े के एकत्रीकरण के सफल सम्पादन को लेकर गुरुवार को जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला की अध्यक्षता में एनआईसी कक्ष में बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण,सीडीओ गौरव कुमार, ब्लाक प्रमुख मोरी बचन सिंह पंवार,पुरोला रीता पंवार,भटवाड़ी विनीता रावत,एसडीएम डुंडा मीनाक्षी पटवाल, बड़कोट देवानंद शर्मा सहित ब्लाक स्तरीय अधिकारी वर्चुअल के माध्यम से उपस्थित रहे। इस दौरान बैठक में जनप्रतिनिधियों द्वारा स्वच्छता औऱ प्लास्टिक प्रतिबंध को लेकर अपने- अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि माननीय हाईकोर्ट के आदेशों के क्रम में जनपद में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया गया है। सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को लेकर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में दायित्व निर्धारित किए गए है। उन्होंने कहा कि गंगा का उदगम स्थल उत्तरकाशी को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए सामुहिक भागेदारी की आवश्यकता है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में 5 सितंबर से 2 अक्टूबर तक स्वछता अभियान चलाया जाएगा। शहरी क्षेत्र में सीडीओ एवं ग्राम पंचायत स्तर पर जिला पंचायतराज अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। इस दौरान जिला विकास अधिकारी केके पंत ने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में सघन स्वच्छता अभियान को लेकर बनाई गई कार्य योजना के बारे में विस्तृत प्रकाश डाला। जिलाधिकारी ने सभी विभाध्यक्षों को निर्देशित किया कि गीले कूड़े के निस्तारण के लिए सरकारी कार्यालयों में खाली स्थान पर कमोस्ट पिट बनाई जाय।ग्रामीण स्तर पर प्लास्टिक कूड़े के निस्तारण के लिए बनाई गई ठोस कार्ययोजना के अनुरूप कार्य किए जाए। नगर पालिका क्षेत्र में गिला एवं सूखा कूड़ा पृथकीकरण के साथ ही वार्ड में ही बर्मी कम्पोस्ट पिट तैयार की जाए।
नगर पालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल ने कहा कि कूड़ा बड़ी समस्या बनकर उभरी है,जिसका सैगरिकेशन के माध्यम से निस्तारण सम्भव है। घर से निकलने वाले कूड़े का पृथकीकरण के लिए जनजागरूकता की आवश्यकता है। जिलाधिकारी ने जनसामान्य के मध्य जनजागरूकता फैलाने और स्वच्छता को लेकर एसडीएम को निर्देशित किया गया कि नगर पालिका क्षेत्रांर्गत प्रत्येक वार्ड में अधिकारियों को नामित किया जाय। मुख्य कृषि अधिकारी जेपी तिवारी ने कहा गीले कूड़े का निस्तारण वर्मी कम्पोस्टिंग के आधार पर किया जा सकता है वर्मी कम्पोस्टिंग एक से डेढ माह तक तैयार हो जाती है।
जिलाधिकारी ने गिला व सूखा कूड़े के निस्तारण के लिए बर्मी कम्पोस्ट को स्कूलों में भी अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्देश सीईओ को दिए।
सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्वेता राणा चौहान ने कहा कि प्लास्टिक को प्रतिबंधित किया गया है। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में प्लास्टिक कूड़ा एकत्रीकरण को लेकर ठोस कार्ययोजना बनाई जाए। ग्रामीण क्षेत्र में कूड़ा निस्तारण को लेकर ग्रामीणों को जागरूक करने की आवश्यकता है। शहरी क्षेत्र में कूड़ा न फैले इस हेतु हर कूड़ा कलेक्शन सेंटर में पर्याप्त पर्यावरण मित्रो की तैनाती की जाय। ताकि कूड़े को सही स्थान पर डाला जाए। स्वच्छता को लेकर सभी लोगों को मिलकर काम करने एवं आमजन में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। जिलाधिकारी ने कहा कि प्लास्टिक,कांच आदि कूड़े का एकत्रीकरण के लिए गांव में संग्रहण केंद्र बनाया जाय। ग्राम प्रधान यूजर चार्ज एवं वित्त से गांव की स्वच्छता के लिए कार्य करें। ब्लाक प्रमुख डुंडा शैलेंद्र कोहली ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में जागरूकता लाने की आवश्यकता है। ग्राम पंचायत की बैठक कर लोगों को जागरूक किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त सार्वजनिक स्थानों पर वाल पेंटिंग बनाई जा सकती है। जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण ने कहा स्वच्छता जितनी की जाय उतनी कम है जिला पंचायत ग्रामीण बाजारों एवं कस्बों में स्वच्छता को लेकर ठोस कार्य योजना बना रही है। स्वच्छता को लेकर ग्रामीण स्तर अच्छा कार्य करने वाले गांव और वार्ड को सम्मानित किया जाय। ब्लॉक प्रमुख भटवाड़ी विनीता रावत ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छता को लेकर महिला मंगल दल,युवा मंगल दल एवं जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेना आवश्यक है। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेन्द्र मटूड़ा ने कहा कि गीले कूड़े के निस्तारण के लिए बड़े होटल में बर्मी कम्पोस्ट बनाया जा सकता है।
जिलाधिकारी ने जनपद के सम्बन्धित वन क्षेत्रधिकारियों को निर्देश दिये कि वन क्षेत्रों में पर्यटकों को प्लास्टिक युक्त सामाग्री को कतई न जाने दे,इस हेतु सख्त कार्रवाई की जाए।जिलाधिकारी ने सम्बन्धित प्रभागीय वनाधिकारीयों को रिंगाल से निर्मित विभिन्न वस्तुओं के उपयोग करने पर जोर दिया। ताकि प्लास्टिक पूर्ण रूप से प्रतिबंधित हो सके।उन्होंने शहरी क्षेत्र, ग्रामीण क्षेत्रों, कस्बों विभिन्न तहसील क्षेत्रांन्तर्गत स्थानों में गीले- सूखे- कूड़े के पृथक्करण को लेकर दीवार लेखन कार्यों, नुक्कड़ नाटक आदि के माध्यम से जन जागरूकता कार्यक्रमों का वृहद रूप से अभियान चलाने के निर्देश एसडीम, बीडीओ, ईओ तथा सम्बन्धित अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि हम सभी लोगों की नैतिक जिम्मेदारी है कि अपने घरों से ही गीले व सूखे कूड़े का पृथक्कीकरण करें।
बैठक में एसडीएम चतर सिंह चौहान,पर्यावरण विशेषज्ञ प्रताप मटूड़ा सहित एवं व्यापार मंडल,होटल एसोसिएशन,नेहरू युवा केन्द्र,गंगा आरती सामिति,एनएसएस,एनसीसी,जिला गंगा सामिति के पदाधिकारी उपस्थित रहे।