देहरादून।पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था वी.मुरुगेशन ने पुलिस कार्यालय देहरादून स्थित सभागार में जनपद के समस्त राजपत्रित अधिकारियो के साथ अपराध समीक्षा गोष्ठी आयोजित की ।
गोष्ठी के दौरान उपस्थित अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए आईजी ने कहा कि हमारी प्राथमिकता पीड़ित केन्द्रीत पुलिसिंग होनी चाहिए तथा हमारा सदैव यह प्रयास रहना चाहिए कि पीडित व्यक्ति को हर हाल में उचित न्याय मिल सके, जिसके लिये हमें अपनी पुलिसिंग में और सुधार करने की आवश्यकता है। अपराधों की समीक्षा के दौरान आईजी ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसी भी अभियोग की विवेचना में सम्बन्धित उप निरीक्षक/विवेचना अधिकारी की जिम्मेदारी व जवाबदेहिता निर्धारित की जानी चाहिए।इसके लिये क्षेत्राधिकारियों द्वारा अपने-अपने सर्किल में नियुक्त उप निरीक्षकों की कार्यप्रणाली का पर्यवेक्षण नितान्त आवश्यक है। प्रत्येक क्षेत्राधिकारी को नियमित रूप से अपने
अधीनस्थ नियुक्त उप निरीक्षकों के कार्यों का परीक्षण करते हुए उनकी कार्यक्षमता का आंकलन कर उनसे निरन्तर संवाद कायम करना चाहिए तथा कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान आने वाली दिक्कतों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त कर सतत मार्ग दर्शन देना चाहिए। इसके अतिरिक्त सभी क्षेत्राधिकारियों को अपने सर्किल की प्रत्येक विवेचना तथा प्रार्थना पत्रों की जांचो का विश्लेषण गहराई से करना चाहिए तथा इस बात पर विशेष ध्यान देना चाहिए कि उक्त जांचो/विवेचनाओ में सम्बन्धित विवेचक/उप निरीक्षक द्वारा सही व तर्क संगत कार्यवाही की गयी है अथवा नहीं। किसी भी अभियोग की केस डायरियों के अवलोकन के दौरान सम्बन्धित क्षेत्राधिकारी द्वारा उसमें पाई गयी कमियों के सम्बन्ध में सम्बन्धित विवेचक को आवश्यक दिशा निर्देश निर्गत करते हुए उक्त कमियों की पूर्ति कराने के उपरान्त ही रिपोर्ट अग्रसारित की जानी चाहिए।परन्तु इस बात का ध्यान रहे कि किसी भी केस डायरी के परिक्षण का उद्देश्य मात्र सम्बन्धित विवेचक की गलती निकालना न हो अपितु सीडी का अवलोकन गुणवत्तापरख विवेचना बढाने के उद्देश्य से किया जाये। साथ ही संगीन अपराधों की विवेचना के परीक्षण के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखें कि सम्बन्धित विवेचक द्वारा केस डायरी को नियमित रूप से अध्यावधिक किया जा रहा है तथा विवेचना के दौरान इस प्रकार की कोई चूक न की जाये जिसका फायदा अभियुक्त द्वारा मां0 न्यायालय में विचारण के दौरान उठाया जा सके। सभी क्षेत्राधिकारी इस बात को सुनिश्चित करें कि थाना स्तर पर कम से कम 90 प्रतिशत अच्छी पुलिसिंग हो, इसके लिये प्रत्येक अधिकारी/कर्मचारी को बिना किसी दबाव के अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूर्ण ईमानदारी से करने तथा किसी भी मामले में सच के साथ रहते हुए जो सही हो वही कार्यवाही अमल में लाये जाने हेतु निर्देशित किया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त समस्त राजपत्रित अधिकारियों अपने अधीनस्थ नियुक्त थाना प्रभारी/उप निरीक्षकों के द्वारा किये जा रहे कार्यों की भी नियमित रूप से समीक्षा कर इस पहलु पर भी सतत दृष्टि रखे कि कहीं उनके द्वारा अपनी शक्तियों का उपयोग किसी अनैतिक कार्य के लिये तो नहीं किया जा रहा है।
उक्त गोष्ठी के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून तथा जनपद के समस्त राजपत्रित अधिकारी उपस्थित रहे।