पिथौरागढ़ । प्रदेश में व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले कानून व समान नागरिक संहिता को लेकर गठित विशेषज्ञ समिति के सदस्य सेवानिवृत्त आईएएस शत्रुघ्न सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौर एवं दून विश्वविद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल द्वारा विकास भवन सभागार में जनपद के विभिन्न संगठनों व स्थानीय लोगों के साथ विभिन्न व्यक्तिगत मामलों पर चर्चा कर सुझाव लिए गए। विशेषज्ञ समिति द्वारा विवाह, तलाक, संपत्ति के अधिकार, उत्तराधिकार आदि से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई तथा स्थानीय संगठनों व लोगों के सुझाव प्राप्त किए गए।
विवाह जैसे मुद्दों पर चर्चा के दौरान अधिकांश लोगों व छात्र-छात्राओं द्वारा लड़के एवं लड़की की विवाह की उम्र 21 वर्ष समान कर दिया जाना उचित ठहराया गया। कहां कि इससे लड़कियों को भी लड़कों के समान पढ़ने का समान अवसर प्राप्त होगा तथा परिपक्वता व व्यावहारिक समझ विकसित होने की दृष्टि से भी लड़के एवं लड़की की विवाह की उम्र 21 वर्ष कर दिया जाना उचित है।विशेष परिस्थितियों में पुरुषों को दूसरा विवाह करने के अधिकार को लेकर चर्चा के दौरान स्थानीय महिलाओं द्वारा कहां गया कि विशेष परिस्थितियों में दूसरे विवाह को लेकर पुरुषों एवं महिलाओं के लिए एक जैसा कानून होना चाहिए। यदि विशेष परिस्थितियों में पुरुषों को दूसरा विवाह करने का अधिकार हो तो महिला को भी विशेष परिस्थितियों में दूसरा विवाह करने का अधिकार मिलना चाहिए।
रिश्ते नातों में विवाह को लेकर मुस्लिम, हिंदू , इसाई आदि वर्गों में अलग -अलग परंपरा है, इस मुद्दे पर पर चर्चा के दौरान चिकित्सक संगठन के सदस्य द्वारा विचार प्रस्तुत किया गया कि इस संबंध में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाते हुए मानव जाति के विकास को ध्यान में रखते हुए ही कानून बनना चाहिए। जबकि कुछ अन्य लोगों द्वारा सभी समाजों की परंपराओं और रीति-रिवाजों को जीवित रखते हुए कुछ उचित बदलाव करते हुए कानून बनाने की बात कही गयी।
लिव इन रिलेशनशिप पर चर्चा के दौरान कुछ लोगों द्वारा लिव इन रिलेशनशिप में रहने की समयाअवधि निर्धारित करते हुए विवाह अनिवार्य कर देने की बात कही गयी ताकि उनसे उत्पन्न संतानों का भविष्य सुरक्षित रह सके। साथ ही लिव इन रिलेशनशिप का पंजीकरण करने व पंजीकरण को एक ही बार किए जाने की बात कही गई। जबकि कुछ लोगों द्वारा लिव इन रिलेशनशिप को अनैतिक ठहराया गया।
संपत्ति के अधिकार पर चर्चा के दौरान माता पिता के हित को ध्यान में रखते हुए उनके भरण-पोषण को लेकर संतान का दायित्व निर्धारण करने अथवा संतान की संपत्ति, वेतन आदि में माता-पिता का भी कुछ अंश निर्धारित करने की बात लोगों द्वारा कही गई।इसके अलावा भी विभिन्न मुद्दों पर लोगों द्वारा अपने सुझाव प्रस्तुत किए गए।
बैठक में विशेषज्ञ समिति के सदस्यों द्वारा लिखित रूप में भी व्यक्तिगत मामलों को लेकर अपने विचार व सुझाव समिति के समक्ष प्रस्तुत करने का अनुरोध किया गया।
बता दें कि प्रदेश सरकार प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने पर विचार कर रही है। जिस हेतु प्रदेश सरकार द्वारा व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले कानून व समान नागरिक संहिता के लिए पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है। इस विशेषज्ञ समिति के सदस्यों द्वारा प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में जाकर व्यक्तिगत मामलों पर चर्चा कर स्थानीय लोगों के सुझाव लिए जा रहे हैं। जिसके क्रम में विशेषज्ञ समिति के सदस्यों द्वारा विकास भवन में बैठक आयोजित कर स्थानीय लोगों के साथ व्यक्तिगत मामलों पर चर्चा की गई तथा सुझाव लिए गए।
बैठक में जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान, उप जिलाधिकारी अनुराग आर्य, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र कविता भगत, जिला कार्यक्रम अधिकारी संजय गौरव, बार एसोसिएशन के सदस्य, चिकित्सा संगठन के सदस्य, सहायता समूह के सदस्य, विभिन्न सामाजिक संगठनों के सदस्य आदि उपस्थित थे।