दुग्ध विकास संघ की दुग्धशाला की क्षमता विस्तार की योजनाओं का मुख्यमंत्री ने किया शिलान्यास

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देहरादून।देवभूमि खबर। परेड ग्राउण्ड में आयोजित ‘‘ युवा उत्तराखण्ड उद्यमिता एवं रोजगार की ओर’’ कार्यक्रम के अन्तर्गत मुख्यमंत्री द्वारा आज परेड ग्राउण्ड में मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना, दुग्ध विकास संघ की दुग्धशाला की क्षमता विस्तार की योजनाओं का शिलान्यास किया गया एवं सहकारिता विभाग की दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण ब्याज मुक्त योजना के लाभार्थियों को चैक वितरण, सहकारी बैंको के माध्यम से मत्स्य एवं पशुपालकों को किसान के्रडिट कार्ड का वितरण, सहकारी बैंक मोबाईल बैंकिंग वैन का शुभारम्भ के साथ ही पंतललि योगपीठ एवं बहुउद्देशीय सहकारी समितियों के संयुक्त उद्यम के माॅडल स्टोर का उद्घाटन भी किया।

इस अवसर पर अवगत कराया गया कि दुग्धशाला में स्थापित प्लांट मशीनरी के नवीनीकरण एवं दुग्धशाला की क्षमता 20 हजार लीटर से बढ़ाकर 50 हजार लीटर प्रतिदिन किये जाने के लिए विभाग स्तर पर रू0 1405.02 लाख की योजना तैयार की गयी है। योजना का क्रियान्वयन, डेरी प्रोसेसिंग एण्ड इन्फ्रास्ट्रचर डेवलपमेन्ट फण्ड, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना तथा राज्य योजनान्तर्गत धनराशि की व्यवस्था करते हुए किया जायेगा। योजनान्तर्गत रू0 110.00 लाख निर्माण कार्य तथा रू0 1295.02 प्लांट मशीनरी पर व्यय किये जायेगें।
दुग्ध उत्पादकों को वैक्यूम पैक्ड कार्न साईलेज उपलब्ध कराने के लिए वर्तमान में कार्यरत दुग्ध सहकारी समितियों से जुड़े दुग्ध उत्पादक सदस्यों के आधार पर वार्षिक रूप से लगभग 10 हजार मै0 टन साईलेज की आवश्यकता का आंकलन विभागीय स्तर पर करते हुए शासन को प्रस्तुत योजना स्वीकृत हुई, जिसमें वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए रू0 300.00 लाख का प्राविधान बजट अन्तर्गत प्राप्त हो गया है। दुग्ध विकास विभाग द्वारा महिलाओं द्वारा किये जा रहे अतिरिक्त श्रम एवं समय के व्यय को बचाने के लिए ‘‘पशुचारा परिवहन अनुदान योजना’’ तैयार की गयी इस योजना के अन्तर्गत योजनान्तर्गत दुग्ध सहकारी समितियों से जुड़े दुग्ध उत्पादकों के द्वार तक ‘‘संतुलित पशुआहार’’ को पहुॅचाने के लिए रू0 3.00 प्रति किलोग्राम की दर से ‘‘पशुचारा परिवहन अनुदान योजना’’ स्वीकृत की गयी है। योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए रू0 500.00 लाख का प्राविधान बजट अन्तर्गत प्राप्त हो गया है। इस अवसर पर बताया गया कि दुग्ध समितियों में उपलब्ध कराये जा रहे दूध के आधार पर राज्य सरकार द्वारा 4 प्रति ली0 की दर से दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन धनराशि उपलब्ध करायी जा रही हैं। योजना का मुख्य उदेदश्य अधिक से अधिक दुग्ध उत्पदकों को दुग्ध सहकारी समितियों से जोडना तथा समितियों में दुग्ध उपार्जन की वृद्धि किया जाना है। इस योजनान्तर्गत प्रदेश में गठित दुग्ध सहकारी समितियों के लगभग 52 हजार सदस्य नियमित रूप से लाभान्वित हो रहे है। चालू वित्तीय वर्ष में शासन स्तर से 1800.00 लाख की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है तथा अतिरिक्त आवश्यक धनराशि की व्यवस्था किये जाने की कार्यवाही शासन स्तर पर गतिमान है।
प्रदेश में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आ रहे बच्चों को विभिन्न प्रकार के पुष्टाहार आदि राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराये जाते है। दूध की नितान्त आवश्यकता के दृष्टिगत् मा0 मंत्री जी, दुग्ध विकास, उत्तराखण्ड सरकार के निर्देश पर डेरी विकास विभाग द्वारा ‘‘मुख्यमंत्री आॅचल अमृत योजना’’ की रूप रेखा तैयार कर शासन को प्रस्तुत की गयी। योजना का मुख्य लक्ष्य प्रदेश में संचालित लगभग 15 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों में आ रहे 03 से 06 वर्ष तक के 2.20 लाख बच्चों को सप्ताह में 2 दिन 100 मि0ली0 प्रतिदिन विटामिन ए एवं डी मिश्रित सुगन्धित दूध उपलब्ध कराया जाएगा। इससे जहां एक ओर बच्चों की सेहत में सुधार होगा वहीं दूसरी ओर प्रदेश के दुग्ध उत्पादक को आर्थिक लाभ होगा। अनुमान के रूप में 300 मै0 टन दुग्ध चूर्ण की आवश्यकता प्रतिवर्ष होगी, जिसका मूल्य रू0 32.00 प्रतिकिलोग्राम आंकलित किया गया है। एक बार तैयार किया गया दुग्ध चूर्ण 06 माह तक उपयोग में लाया जा सकता है। योजनान्तर्गत आवश्यक दूध की आपूर्ति ‘‘उत्तराखण्ड सहकारी डेरी फैडरेशन लि0’’ हल्द्वानी (नैनीताल) द्वारा की जायेगी।

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