देहरादून।इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) के राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तराखंड ऊर्जा कामगार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष श्री राकेश शर्मा ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि कोरोना के बहाने उत्तराखंड सरकार एवं केंद्र सरकार पूरी तरह से मजदूरों के शोषण पर उतर आए हैं, जिसे इंटक सहन नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में अपनी श्रमिक विरोधी नीतियों का खुला परिचय देते हुए सरकारें खुलेआम कर्मचारी एवं श्रमिकों का शोषण करने पर उतारू हो गई हैं और कर्मचारियों श्रमिकों के धैर्य की परीक्षा ले रही हैं ।पूंजीवादी एवं अमीर परस्त नीतियों का परिचय देते हुए सरकारों ने श्रम कानून समाप्त प्राय कर दिए हैं। वर्तमान समय में केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार सभी कर्मचारी व श्रमिक विरोधी नीति अपना रहे हैं देश के 26 से अधिक सार्वजनिक प्रतिष्ठान पीएसयू बंद कर दिए गए हैं। नाल्को, बालको, इंडियन एयरलाइंस, रेलवे, बिजली, भेल, स्टील कारखाने, एयर इंडिया आदि का निजीकरण किया जा रहा है।देश के बिजली बोर्ड को तोड़कर 3-4 निगम- वितरण, उत्पादन, ट्रांसमिशन बनाए इनको भी तोड़ कर और कंपनियां बनाई जा रही हैं जो सीधे-सीधे निजीकरण की साजिश है, जिसके परिणाम देश के आम लोगों के लिए बहुत खराब रहने वाले हैं।
इंटक नेता ने कहा कि पूर्व में धनकुबेरों से मिलीभगत के चलते इन लोगों ने गुजरात आदि प्रदेशों में विद्युत का निजीकरण किया जिसके दुष्परिणाम बेहद महंगी बिजली के रूप में सामने आए हैं। बिजली के निजीकरण का प्रयोग गुजरात के साथ साथ ही उड़ीसा, आंध्रप्रदेश, दिल्ली आदि राज्यों में पूर्णतया असफल सिद्ध हुआ है। यही असफल प्रयोग अब धनकुबेरों से मिलीभगत के चलते सरकारे पूरे देश में करने की साजिश रख रही हैं। गरीब, मजदूर, किसान, आम जनमानस वो आज भी बिजली के बिल नहीं दे पाता है, निजी करण के बाद महंगी बिल बिजली कैसे खरीद पाएगा? उन्होंने कहा कि कोरोना के बहाने अब जनाक्रोश को अधिक दिन तक सरकार दबा नहीं पाएगी। सरकार यदि अपनी नीति नहीं सुधारती तो इंटक बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होगी।
इस मौके पर उनके साथ राहुल प्रियंका गांधी सेना के प्रदेश महासचिव भास्कर चुग मौजूद थे।