देहरादून। कोविड ड्यूटी दंत चिकित्सकों ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री,उप समिति पर दोहरा मापदंड का आरोप लगाया।
उन्होने कहा कि सभी कोविड ड्यूटी 1662 कर्मचारियों को छः महीनों के लिए पुनः नियुक्ति दे दी गई हैं लेकिन 65 दंत चिकित्सकों को छोड़ दिया गया है जो की एक खेद जनक विषय है ।सभी कोविड ड्यूटी दंत चिकित्सकों ने अपनी जान पर खेल कर कोविड काल में लोगो की जान बचाई लेकिन उसके जवाब में तोहफे के रूप में आज भी सभी दंत चिकित्सक पिछले एक साल से पुनः नियुक्ति को लेकर दर दर की ठोकरें खा रहे है ।
उन्होने कहा कि सभी दंत चिकित्सकों को अच्छे कार्य के लिए प्रधान मंत्री मोदी द्वारा एप्रिशिएट पत्र दिए गए है लेकिन धामी सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है। आज भी पहाड़ों पे डेंटल हैल्थ और ओरल हैल्थ की बहुत ही बुरी दशा है। न्यू आईपीएचएस मानक 2022 के अनुसार हैल्थ एंड वैलनेस सेन्टर, पीएचसी में भी दंत चिकित्सक का पद दे दिया गया है उसके अंतर्गत सभी दंत चिकित्सक अपनी सेवाएं पहाड़ों के दूरस्थ पीएचसी और हैल्थ एंड वैलनेस सेन्टर में देने को तैयार है लेकिन इस सरकार को कुछ करना नही है ।सभी कोविड ड्यूटी दंत चिकित्सक मुख्यमंत्री,स्वास्थ्य मंत्री व सचिव स्वास्थ्य से मांग करते है की कोविड ड्यूटी दंत चिकित्सकों को न्यू आईपीएचएस मानक अनुसार पीएचसी और हैल्थ एंड वैलनेस सेन्टर में पुनः नियुक्ति देने की कृपा करे ताकि पहाड़ों पे भी डेंटल संबंधित और मुख से संबंधित बीमारियों का इलाज सभी लोगो को मिल सकें ।आज भी उत्तराखंड राज्य पहाड़ी राज्य में ओरल कैंसर में पहले स्थान पर है ।