#मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र का झारखंड कनेक्शन हरेंद्र रावत के एनजीओ से ।#जिन एनजीओ का जिक्र पीड़ित ने किया, उसमें सीएम पत्नी भी शामिल । #उषा नामक एनजीओ में सीएम पत्नी हैं बतौर उपाध्यक्ष ।
#एनजीओ बनाए थे जनसेवा हेतु, लेकिन हो रहा हवाला कारोबार । #उषा एवं प्रोग्रेसिव डेरी फारमर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं हरेंद्र रावत । #दोनों -तीनों एनजीओ के कर्ता-धर्ता हैं त्रिवेंद्र रावत ।*
विकासनगर।जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि झारखंड दलाली प्रकरण के तार जिस एनजीओ से जुड़े हैं, उसमें मुख्यमंत्री की पत्नी श्रीमती सुनीता रावत स्वयं उपाध्यक्ष एवं श्री हरेंद्र सिंह रावत अध्यक्ष हैं ।इन एनजीओ -उत्तरांचल सोसायटी फॉर ह्यूमन अफेयर्स एंड एडवांसमेंट (उषा) एवं प्रोग्रेसिव डेरी फारमर्स वेलफेयर एसोसिएशन (पीडीएफए) में भी श्री हरेंद्र रावत अध्यक्ष हैं ।इसके अलावा नालंदा कॉलेज ऑफ एजुकेशन नामक एनजीओ में भी रुपया ट्रांसफर करने का जिक्र पीड़ित (भाजपा नेता) ने किया है । इन दोनों -तीनों एनजीओ के मुख्य कर्ताधर्ता श्री त्रिवेंद्र रावत हैं ।बड़े दुर्भाग्य की बात की उक्त एनजीओ के मकसद बीपीएल पात्रों का उत्थान एवं किसानों का सुदृढ़ीकरण आदि था, लेकिन इन एनजीओ के जरिए एक तरह से हवाला कारोबार किए जा रहे हैं ।
नेगी ने कहा कि सीएम त्रिवेंद्र रावत द्वारा झारखंड का प्रभारी रहते हुए एक भाजपा नेता को गौ सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाने के एवज में बतौर रिश्वत/ दलाली लिए जाने के प्रकरण पर 2 दिन पहले मा. उच्च न्यायालय ने सीबीआई जांच एवं एफआईआर के आदेश दिए हैं ।नेगी ने कहा कि श्री त्रिवेंद्र रावत द्वारा अपने परिजनों, रिश्तेदारों, सहयोगियों एवं एनजीओ के खातों में रुपया ट्रांसफर कराया था, जिसका लेनदेन बैंक खातों के माध्यम से हुआ था । इस डील से यह साफ हो गया है कि पूरा कुटुंब ,सहयोगी उगाही में ही लगे हैं । मोर्चा भ्रष्टाचार को कतई सहन नहीं करेगा तथा भ्रष्टाचारियों के ताबूत में आखिरी कील ठोक कर ही दम लेगा ।