भर्ती घोटालों के खिलाफ़ अनेकों सामाजिक संगठन गरजे, विधानसभा के समीप दिया धरना

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देहरादून । चयन आयोग और विधानसभा में हुई मनमानी भर्तियों के खिलाफ़ उत्तराखंड बेरोजगार संगठन को समर्थन देने हेतु प्रखर समाजसेवी श्री कुलदीप रावत के आह्वान पर विभिन्न आंदोलनकारी संगठनप्रदर्शन करते हुए विधानसभा के समीप धरना पर बैठे ।

इस अवसर पर धरना द्वारा उत्तराखंड बेरोजगार संघ को समर्थन देने पर उत्तराखंड बेरोजगार संगठन के अध्यक्ष श्री बॉबी पँवार द्वारा प्रेषित संदेश को विस्तार पूर्वक पढ़कर सुनाया गया। जिसके द्वारा बताया गया कि किस प्रकार से यूकेएसएसएस सी परीक्षाओं मे खुलकर भृष्टाचार होता आ रहा है। श्री बॉबी पँवार के संदेश मे बताया गया कि उनका संगठन भर्तियों मे हो रहे भृष्टाचार पर मुखर था और लगातार आंदोलन, धरना व प्रदर्शन इत्यादि के माध्यम से सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट करना चाह रहा था। संदेश द्वारा यह भी बताया गया कि उत्तराखंड बेरोजगार संगठन ने अनेकों ज्ञापन इस बाबत सरकार को सौपे थे परन्तु सरकार की कान मे तब जूँ तक नहीं रेंग रही थी। तब जाकर बेरोजगारों के संगठन ने एक ठोस रणनीति के तहत विपक्ष के विधायकों से सम्पर्क साधना प्रारम्भ किया। श्री बॉबी पँवार के संदेश मे बताया गया कि बहुत प्रयास करने के बाद खटीमा से नवनिर्वाचित विधायक श्री भुवन कापडी इस मुद्दे को उठाने के लिए न केवल तैयार हुए बल्कि संघर्ष के लिए भी उन्होंने अपनी स्वीकृति दे दी। यहीं से सारी बाजी पलटनी प्रारम्भ हुई और हारकर सरकार को यूकेएसएसएस भर्ती पर विशेष जाँच दल का गठन करना पड़ा। श्री बॉबी पँवार द्वारा भेजे गए संदेश मे धरना के माध्यम से इस बात का खुलासा किया गया कि एसटीएफ ने बजाए दोषियों की जाँच प्रारम्भ करने के सर्वप्रथम उलटे उनके फोन अपने कब्जे मे किये थे। जब STF पूरी तरह से आश्वस्त हुई कि मामले की जाँच की मांग के पीछे कोई अन्य कारण नहीं है तब आगे बढी थी। श्री बॉबी पँवार के संदेश मे इस बात की भूरी भूरी प्रशंसा की गईं कि जाँच प्रारम्भ होने के उपरांत STF ने पीछे मुड़कर नहीं देखा है और एक के बाद एक दोषी गिरफ्त मे आते जा रहे हैँ। श्री बॉबी पँवार के संदेश मे यह कथन भी किया गया कि अभी तक तो मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिँह धामी ने भी सही कदम उठाये हैँ। परन्तु जिस प्रकार से मुख्यमंत्री ने पहले यह वक्तव्य दिया कि यूकेएसएसएससी की वीपीओ /वीपीडीओ भर्ती को निरस्त किया जायेगा लेकिन अब वह उस बयान से पलटते हुए दिख रहें हैँ, इससे जाहिर हो रहा है कि वह किसी भारी दबाव मे हैँ। श्री बॉबी पँवार के संदेश मे स्पष्ट किया गया कि अब उत्तराखंड के युवा किसी भी हाल मे मौन धारण करके नहीं रहेंगे

विधानसभा के समीप धरना करते हुए आयोजित जनसभा के सम्बोधन का शुभारम्भ उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी श्री मनोज ध्यानी ने किया। एसोसिशन फॉर डेमोक्रेटिक रेफॉर्म्स (एडीआर) उत्तराखंड इलेक्शन वॉच के प्रदेश समन्वयक श्री मनोज ध्यानी ने कहा कि जिस स्तर पर भर्तियों के घोटाले सामने आ रहें हैँ वह दिखलाता है कि यह सबकुछ बिना किसी राजनीतिक संरक्षण एवं बेईमान नौकरशाहों की अनुमति के सम्भव हो ही नहीं सकता था। श्री ध्यानी ने कहा कि राज्य की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए यह जरूरी है कि उन बेईमान राजनेताओं और नौकरशाहों की पहचान करके उन्हें भी गुंडा एक्ट मे निरुद्ध किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनता को इस बात को समझना चाहिए कि यदि वह श्री भुवन कापडी जैसा जनहित के पक्ष मे कार्य करने वाला निडर एवं श्री पुष्कर सिँह धामी जैसा संवेदनशील नेता चुनकर भेजते हैँ तो कितनी बडी लोकतान्त्रिज क्रांति सम्भव हो सकती है। उन्होंने कहा कि उनकी संस्था एडीआर उत्तराखंड एक बार पुनः नागरिकों को इस बाबत जागरूक करने के लिए प्रदेश मे व्यापक अभियान छेड़ने जा रही है। श्री ध्यानी ने सभी नागरिक संगठनों से अपील की कि वह उत्तराखंड बेरोजगार संगठन और श्री बॉबी पँवार के समर्थन मे खुलकर मैदान मे उतर जाएं और अब उत्तराखंड के संस्थानों के भीतर जड़ जमा चुके भृष्टाचार को उखाड़ फेंखने के लिए जुट जाएं। उन्होंने इस बात को भी दोहराया कि जो अभ्यर्थी पैसा देकर पद पाने की लालसा मे रहें उनपर भी गंभीर धारायें लगाकर कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि स्पष्ट संदेश प्रवाहित हो कि राज्य भृष्टाचार को किसी भी स्तर पर स्वीकार नहीं करेगा।

सभा के प्रमुख आह्वानकर्ता उद्यमी एवं समाजसेवी श्री कुलदीप रावत ने अपने उद्बोधन मे कहा कि उत्तराखंड बेरोजगार संघ की लडाई सभी उत्तराखंड के माता पिताओं व युवाओं की लडाई है। उन्होंने विभिन्न घोटालों को उँगलियों पर गिनाते हुए बताया कि राज्य कि अवधारणा को कुंद किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि युवाओं की भर्तियों मे किया जा रहा भृष्टाचार देवभूमि के विकास के लिए अभिशाप बन चुका है। श्री रावत ने कहा कि यदि सरकार बेरोजगार युवाओं की मांगें नहीं मानती है तो बहुत जल्दी पूरे उत्तराखंड मे युवा और नागरिक गण सड़क पर उतर आएंगे।
उन्होंने चेतावनी भरे लहजे मे कहा कि भरस्टाचार के खिलाफ उठ खडे आंदोलन को शिथिल नहीं होने दिया जायेगा।

धरना जनसभा को सम्बोधित करते हुए देवभूमि भैरव सेना के अध्यक्ष श्री संदीप खत्री ने कहा कि सनातन की पवित्र भूमि उत्तराखंड मे युवाओं के साथ किया जा रहा छल स्वीकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने 07 सितंबर की युवाओं की रैली को व्यापक समर्थन देने का आह्वान युवाओं एवं उनके परिजनों से किया।आंदोलनकारी श्रीमती सुलोचना भट्ट ने शराब से बेहाल कर दिए गए उत्तराखंड मे भृष्टाचार को एक नासूर की संज्ञा प्रदान की। और इसके खिलाफ युवाओं को पूर्ण समर्थन देने की वकालत की।आंदोलनकारी श्रीमती प्रमिला रावत ने कहा कि अब समय आ गया है कि भृष्टाचार के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल चुके युवाओं के पीछे सभी नागरिक खडे हो जाएं। उन्होंने इसके लिए झंडा डंडा तक त्यागने का आह्वान किया।

धरना जनसभा को सम्बोधित करते हुए शिक्षिका एवं समाजसेवी श्रीमती उत्तरापंथ बहुगुणा ने कहा कि जब उन्होंने इस प्रकार के भृष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी तो सरकारके तत्कालीन मुखिया ने उन्हें हिरासत मे लेने का आदेश जनता दरबार मे दे दिया था। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बुद्धिजीवी को युवा बेरोजगारों के दर्द को पहचानते हुए उन्हें समर्थन प्रदान करना चाहिए।

धरना जनसभा को अनेकों सामाजिक सांगठनों के नेताओं ने भी सम्बोधित किया जिनमें प्रमुखत: से एडीआर उत्तराखंड इलेक्शन वॉच के प्रदेश समन्वयक श्री मनोज ध्यानी, समाज सेवी एवं उधमी श्री कुलदीप रावत, गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान के वरिष्ठ नेता श्री लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, देवभूमि भैरवसेना के अध्यक्ष श्री संदीप खत्री, किसान नेता और अन्ना हजारे संगठन के राष्ट्रीय संयोजकमंडल सदस्य श्री भोपाल सिंह चौधरी, आंदोलनकारी नेत्री श्रीमती प्रमिला रावत, श्रीमती सुलोचना भट्ट, श्रीमती शकुंतला रावत, श्री हरिकिशन किमोठी, सुमेरु विहार समिति के अध्यक्ष श्री अजय सिंह, हमारा उत्तरजन मंच के अध्यक्ष श्री रणवीर चौधरी, श्री सुशील कैथुरा, श्री लुसून टोडरिया, श्री उत्तम सिंह राणा, श्री लक्ष्मण सिंह आदि अनेकों समाज सेवी संगठन थे।

धरना जनसभा करने के उपरांत सभी आंदोलनकारी प्रख्यात गीतकार ब्ललीसिंह चीमा द्वारा रचित गीत श्री रणवीर चौधरी के आवाज के नेतृत्व मे ‘ले मशालें चळ पड़े हैँ लोग मेरे गाँव के, अब अंधेरा जीत लेंगे लोग मेरे गांव के” गाते हुए विधानसभा मुख्य गेट पर पहुँच गए। विधानसभा मुख्य गेट पर जमकर नारेबाजी करने के उपरांत आंदोलनकारियों ने नगर मैजिस्ट्रेट श्रीमती कुसुम चौहान के माध्यम से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौपा। ज्ञापन के माध्यम से कहा गया कि नागरिक संगठनों का यह धरना उत्तराखंड बेरोजगार संघ के समर्थन मे आयोजित किया गया है। ज्ञापन मे 09 बिंदुओं पर कार्रवाई की मांग की गईं है, जिसमें विडिओ वीपीडीओ स्नातक परीक्षा निरस्त करके पुनःपरीक्षा आयोजित करने, यूकेएसएसएससी, पीएससी विधानसभा, सचिवालय, सहकारिता विभाग, उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग व एसटीएफ के पास जाँच वाली भर्तियों मे भृष्टाचार की जाँच उच्च न्यायलय अथवा सर्वोच्च न्यायलय के सिटिंग जज की निगरानी मे सीबीआई जाँच करवाने, प्रदेश की सरकारी नौकरियों मे उत्तराखंड की महिलाओँ हेतु 30% क्षेतिज आरक्षण हेतु तुरंत अध्यादेश लाने, राज्याधीन सेवायोजन की प्रत्याेगी परीक्षाओं हेतु वार्षिक कैलेंडर जारी करने, सख्त नकल विरोधी कानून बनाने आदि की मांग प्रमुखता से रखी गईं। ज्ञापन वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी एवं आध्यात्मिक गुरु श्री मनोज ध्यानी द्वारा पढ़ा गया। आज के धरना का संचालन श्री लक्ष्मीप्रसाद थपलियाल द्वारा किया गया।

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