उत्तरकाशी।देवभूमि खबर। यमुनोत्री धाम के कपाट शनिवार को बंद हो गए हैं। भैया दूज पर्व पर विधिवत पूजा अर्चना और हवन के साथ दोपहर 1.27 बजे कपाट बंद किए गए। अब श्रद्धालु शीतकाल में छह माह तक मां यमुना के दर्शन उनके मायके खरसाली में कर सकेंगे।
शनिवार को सुबह खरसाली गांव से शनिदेव की डोली मां यमुना को लेने यमुनोत्री धाम के लिए रवाना हुई, जो साढ़े दस बजे यमुनोत्री मंदिर पहुंची। जहां पर सवा तीन घंटे तक मां यमुना की विधिवत पूजा अर्चना व प्रक्रिया संपन्न की गई। इसके बाद दोहपर 1 बजकर 27 मिनट पर स्थानीय देवी देवताओं एवं हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में यमुनोत्री धाम के कपाट देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए। वहीं मां यमुना की डोली शनि देवता की अगुवाई में खरसाली गांव के लिए रवाना हुई, जो शाम पौने चार बजे खरसाली गांव पहुंची। जहां पर स्थानीय ग्रामीणों एवं यमुनोत्री के विधायक केदार सिंह रावत ने मां यमुना का भव्य स्वागत किया।
मंदिर समिति के सचिव कृतेश्वर सेमवाल ने बताया कि खरशाली गांव पहुंचने के बाद मां यमुना की मूर्ति राजराजेश्वरी मंदिर में पूजा अर्चना के साथ स्थापित की जायेगी। जहां पर शीतकाल प्रवास में आगामी छह माह तक देश विदेश एवं स्थानीय लोग मां यमुना के दर्शनों के भागीदार बनेंगे। कपाट बंद होने के अवसर पर जिलाधिकारी डा. आशीष कुमार श्रीवास्तव, एसडीएम मनुज गोयल, थानाध्यक्ष बड़कोट विनोद थपलियाल, भागेश्वर सेमवाल, पवन उनियाल, खिलानंद उनियाल, सहित देश विदेश एवं स्थानीय लोग मौजूद थे।