विकासनगर।देवभूमि खबर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत द्वारा वर्ष 2017 विधानसभा चुनाव के अपने नामांकन में निर्वाचन आयोग के समक्ष झूठा शपथ पत्र, संपत्तियों का बाजारु मूल्य बहुत कम दर्शाना व ढेंचा घोटाले की पी.आई.एल. का नामांकन पत्र में उल्लेख न करने के मामले में मोर्चा द्वारा 30 अक्टूबर 2017 को भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के महानिदेशक दिलीप शर्मा के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए ईसीआई ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड, (सीबीडीटी) भारत सरकार को 19 दिसंबर 2017 को जांच के निर्देश दिए थे। नेगी ने कहा कि सीबीडीटी ने जांच कर उक्त रिपोर्ट 6 दिसंबर 2019 के द्वारा अनु सचिव, ईसीआई को प्रेषित कर दी है।
सीबीडीटी ने ईसीआई को सौंपी त्रिवेंद्र संपत्ति मामले की रिपोर्टःरघुनाथ सिंह नेगी
मोर्चा कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए नेगी ने कहा कि मोर्चा द्वारा पूर्व में ईसीआई को सौंपे गए ज्ञापन/शिकायती पत्र में उल्लेख किया गया था कि त्रिवेंद्र द्वारा अपने नामांकन पत्र में करोड़ों रुपए मूल्य की संपत्ति का बाजारु मूल्य मात्र लाखों की दर्शना, स्टांप शुल्क में हेरा फेरी, वर्ष 2010 में कृषि मंत्री रहते हुए किए गए ढेचा बीज घोटाले से संबंधित पीआईएल का उल्लेख न करना तथा झूठी उम्र आदि के मामले में ईसीआई के समक्ष रखा गया था। मोर्चा द्वारा ईसीआई से त्रिवेंद्र की विधानसभा सदस्यता रद्द करने व इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का भी आग्रह किया गया था। सीबीडीटी द्वारा 1 वर्ष से अधिक समय बीतने के उपरांत भी कार्रवाई न करने पर फिर उनको 27 फरवरी 2019 को पत्र प्रेषित किया गया। मोर्चा की मांग के क्रम में ईसीआई को सीबीडीटी ने रिपोर्ट सौंप दी है, निश्चित तौर पर अब कार्रवाई का रास्ता साफ होगा। पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, विजय राम शर्मा, प्रवीण शर्मा पिन्नी, सुशील भारद्वाज आदि उपस्थित रहे।